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क्या आप भी विदेश से करना चाहते हैं पढ़ाई 

 

डेस्क। Study Abroad : विदेश में पढ़ाई शुरू करने की यात्रा कोई पंडोरा बॉक्स खोलने से कम नहीं है और जहां एक तरफ तो पढ़ाई के साथ नई संस्कृति में कई तरह के अनुभवों से रूबरू होते हैं। तो दूसरी ओर अपरिचित जगह होने के चलते स्कैम का शिकार होने की संभावनाएं बहुत अधिक होती हैं।

इसलिए अपनी नई एजुकेशन जर्नी पर निकलते समय संभावित स्कैम को लेकर सतर्क एवं जागरूक रहें। साथ ही इसके लिए आपको पांच ऐसे टिप्स बता रहे हैं, जिसे दिमाग में रखेंगे तो स्कैम का शिकार होने से बच भी सकते हैं।

करें खूब सारा रिसर्च

विदेश में पढ़ाई करने के लिए सबसे पहले तो अपनी यूनिवर्सिटी, कोर्स, फीस वगैरह के बारे में अच्छी तरह से रिसर्च जरूर करें। एडमिशन की पूरी प्रक्रिया को समझें और इसके बाद यूनिवर्सिटी या कॉलेज को ईमेल और कॉल कर दें। आपको अगर जरा भी संदेह हो तो संबंधित देश के दूतावास को भी मेल करके जानकारी मांगी जा सकती है।

 उदाहरण के तौर पर, यदि आप कनाडा, यूके या ऑस्ट्रेलिया के किसी कॉलेज/यूनिवर्सिटी में दाखिला चाहते हैं तो ऑफिशियल वेबसाइट पर मौजूद यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रेशन नंबर को वेरीफाई कर लें। देखें कि पब्लिक यूनिवर्सिटी है या प्राइवेट यूनिवर्सिटी, इंस्टीट्यूशन की प्लेसमेंट हिस्ट्री, इंडस्ट्रीज से मान्यता, स्टूडेंट्स प्रोफाइल आदि अच्छी तरह से चेक कर लें।

 

फाइनेंशियल रिक्वेस्ट से रहें सावधान

एक बार जब आप यूनिवर्सिटी से ऑफर लेटर हासिल कर ले तो फाइनेंशियल डिटेल को अच्छी तरह चेक करना भी जरूरी है। जिसमें जमा की जाने वाली कुल धनराशि, रिफंड पॉलिसी आदि शामिल भी है। वीजा अस्वीकार किए जाने पर रिफंड पॉलिसी को अच्छी तरह से समझ लें। वरना बाद में फंसना भी पड़ सकता है।

हाउसिंग स्कैम का शिकार होने से बचें

विदेश में पढ़ने जाने वाले स्टूडेंट्स ठहरने के लिए आमतौर पर अपने रिश्तेदारों से संपर्क करते हैं या कैंपस की ओर से मिलने वाली सुविधा के लिए अप्लाई कर देते हैं हालांकि दोनों से चूक जाते हैं तो इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए यूनिवर्सिटी की ओर से उपलब्ध कराए जाने वाले हॉस्टल या प्राइवेट एकडमडेशन या लोकल गवर्नमेंट द्वारा इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को दी जाने वाली सुविधा को सेलेक्ट करना चाहिए।

पर्सनल डिटेल रखें सुरक्षित

आज के डिजिटल वक्त में अपने पर्सनल डेटा की सुरक्षा करना काफी जरूरी हो गया है। विदेश रूप से विदेश में पढ़ाई करते समय पहचान की चोरी और संभावित घोटालों से बचने के लिए अपनी निजी जानकारियां सुरक्षित भी रखें। पासपोर्ट, सोशल सिक्योरिटी नंबर, बैंक खाते आदि जानकारियां किसी के साथ शेयर करते समय सावधानी भी बरतें। इनसे संबंधित जानकारियां सिर्फ विश्वसनीय संस्थाओं को ही दें और जिसमें यूनिवर्सिटी और सरकारी एजेंसियां भी शामिल हैं।

जानकरियां जुटाना जरूरी

धोखाधड़ी के खिलाफ सबसे मजबूत डिफेंस लाइन है जानकारी वहीं इंटरनेशल स्कैम का शिकार बनने वाले मामलों पर नजर रखें। संभावित खतरे के बारे में जानकारियां देने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट्स जैसे कि दूतावास अलर्ट या विश्वसनीय डिस्कशन ग्रुप आदि पर ही भरोसा करेंऔर बार बार विजिट करें।

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