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लखनऊ में देश की पहली अर्बन नाइट सफारी

 

डेस्क। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश की पहली अर्बन नाइट सफारी (Urban Night Safari in Lucknow) के स्थापना की सभी बाधाएं दूर हो चुकी हैं। सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA) ने लखनऊ के कुकरैल वन क्षेत्र में नाइट सफारी की स्थापना के लिए अनुमति पत्र जारी कर दिया है।

इसे यूपी सरकार की बड़ी उपलब्धि भी माना जा रहा है। अगर सब कुछ योजना के अनुसार ही चलता रहा तो भारत की पहली अर्बन नाइट सफारी और उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी कुकरैल चिड़ियाघर बनने का काम 2023 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। लखनऊ में 2,027 हेक्टेयर वन क्षेत्र में बनने वाली कुकरैल चिड़ियाघर और नाइट सफारी यूपी में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने और वन्यजीव संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की परियोजनाओं का हिस्सा भी है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सेंट्रल जू अथॉरिटी, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के प्रति आभार भीं व्यक्त किया है।

सीएम ने ये भी कहा कि यूपी सरकार इकोटूरिज्म और वन्यजीव संरक्षण को लेकर काफी उत्सुक है, जो पीएम के विजन के अनुरूप है। 

साथ ही अधिकारियों ने कहा कि कुकरैल नाइट सफारी और चिड़ियाघर के प्रस्ताव को राज्य कैबिनेट ने अगस्त 2022 में मंजूरी दी थी। ब्लूप्रिंट के अनुसार, कैबिनेट ने कुकरैल में 2,027.4 हेक्टेयर वन क्षेत्र को जूलॉजिकल गार्डन और नाइट सफारी पार्क में बदलने को लेकर मंजूरी भी दी थी। मुख्यमंत्री ने परियोजना के विकास को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए थे।

नाइट सफाई की बड़ी बातें मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पिछले साल पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने पत्रकारों को ये भी बताया था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में लखनऊ के वन क्षेत्र में पूर्वी और पश्चिमी हिस्से को मिलाकर 2027 हेक्टेयर क्षेत्र में वन को प्रभावित किए बिना 150 एकड़ क्षेत्र में चिड़ियाघर और 350 एकड़ वन क्षेत्र में नाइट सफारी की स्थापना का निर्णय भी लिया गया है। 

ये जंगल 2027.46 हेक्टेअर में फेले हुए हैं। यहां 350 एकड़ में सिंगापुर की तर्ज पर देश की पहली नाइट सफारी तैयार होगी साथ ही 150 एकड़ में कुकरैल चिड़ियाघर बनेगा। 1000 एकड़ जमीन ऐसी चिह्नित की गई है, जिससे वनक्षेत्र के मूल स्वरूप को कोई नुकसान नहीं होगा और दोनों परियोजनाओं पर करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत भी आएगी।

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