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अधिकारी के रूम से गायब हुईं भ्रष्टाचार की फाइलें, केजरीवाल के रिनोवेशन केस की भी शामिल

 

 

डेस्क। दिल्ली में जब से केजरीवाल सरकार को कई नए अधिकार मिले हैं कई बड़े फैसले लिए भी जा चुके हैं। इन्हीं फैसलों में सबसे प्रमुख रहा विशेष सचिव (सतर्कता) वाई वी वी जे राजशेखर को उनको काम से मुक्त करने का निर्णय। बता दें आप सरकार ने आरोप लगाया था कि राजशेखर के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर मामले मिले हैं, वहीं ऐसे में वे अपने पद पर बने नहीं रह सकते और अब इन आरोपों के बीच राजशेखर ने एक बड़ा दावा भी पेश किया है। उनका यह कहना है कि उनके घर में जासूसी हुई है साथ ही भ्रष्टाचार से जुड़ी कई फाइलें भी गायब हो गई हैं।

आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार राजशेखर के घर पर मंगलवार तड़के 3 बजे कई संदिग्ध गतिविधियां हुईं। अधिकारी के अनुसार उनका रूम खुला हुआ था और कई भ्रष्टाचार से जुड़ी फाइलें गायब थीं। इस लिस्ट में रिनोवेशन से लेकर कई दूसरे दस्तावेज भी गायब दिखे। राजशेखर इसे गोपनीयता का उल्लंघन मान रहे हैं, उन्हें आशंका है कि कहीं सबूतों के साथ छेड़छाड़ ना की गई हो। यहां तक कि बोला गया है कि उनके रूम में जासूसी वाले उपकरण लगाए गए भी हो सकते हैं।

इस पूरे मामले पर दिल्ली सरकार की प्रतिक्रिया भी आई है। और जोर देकर बोला गया है कि राजशेखर एक भ्रष्ट अधिकारी हैं जिनकी जांच होना काफी जरूरी है। केजरीवाल सरकार ने उन्हें सीएनजी किट घोटाले में भी मुख्य आरोपी बताया है और सीबीआी जांच की मांग की है। इसी वजह से 13 मई को उनसे सभी जिम्मेदारियां ली गई थीं और ये अलग बात रही है कि दूसरे अधिकारियों ने उस फैसले को गलत माना था।

रिनोवेशन विवाद की बात की जाएं तो ऐसा दावा हुआ है कि सीएम केजरीवाल के आवास के रिनोवेशन पर अंधा पैसा खर्च किया गया है। एक रिपोर्ट के जरिए बताया गया कि रिनोवेशन में 1- 2 करोड़ नहीं बल्कि 45 करोड़ रुपए भी खर्च किए गए। 

साथ ही घर के पर्दों पर भी लाखों रुपये खर्च हुए। उस विवाद के बाद ही बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना भी साधा था। यह विवाद ठंडा हो पाता उससे पहले राजशेखर के घर से रिनोवेशन विवाद की फाइलों के गायब होने का दावा किया गया है।

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