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CM Ashok Gehlot ने भाजपा को बताया मुगल प्रेमी

 

 

डेस्क। राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) अपने विरोधियों को हाशिए पर पहुंचाने के लिए लगातार ‘शतरंज की चालें’ भी चल रहे हैं और अब अशोक गहलोत ने राजस्थान में बेहद प्रभावशाली माने जाने वाली राजपूत जाति के वोटों को आकर्षित करने के लिए ‘महाराणा कार्ड’ भी चल दिया है।

महाराणा प्रताप भले ही इतिहास के पन्नों में दर्ज हों लेकिन 16वीं सदी का यह योद्धा राजस्थान में आज भी काफी प्रासंगिक है और ये एक सियासी विषय है। अब राजस्थान में कांग्रेस पार्टी पारंपरिक रूप से बीजेपी का गढ़ रहे मेवाड़ में अपनी उपस्थिति मजबूत करना भी चाह रही है। इसके अलावा गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल नियुक्त करने के बाद राजस्थान की राजनीति में उनके स्थान को भरना बीजेपी के लिए एक बड़ा चैलेंज होगा और बस कांग्रेस इसी का फायदा भी उठाना चाह रही है।

पिछले कुछ सालों में महाराणा प्रताप की विरासत को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में बड़ा संघर्ष देखने को मिल रहा है। महाराणा और अकबर के बीच हल्दी घाटी का युद्ध पूरी दुनिया में काफी विख्यात भी रहा है। सोमवार को अशोक गहलोत ने घोषणा की कि उनकी सरकार राज्य के युवाओं को महाराणा की बहादुरी से अवगत कराने के लिए वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड का गठन करने वाली है।

गहलोत को बीजेपी ने बताया है मुगल प्रेमी

राजस्थान सीएमओ द्वारा जारी किए गए स्टेटमेंट में बोला गया है कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप बोर्ड युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप की वीरता से रूबरू करवाने वाला है। यह बोर्ड कोर्स कंटेंट, विरासत संरक्षण, नए निर्माण, विभिन्न भाषाओं पर रिसर्च, प्रकाशनों का प्रचार, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, व्याख्यान, कवि सम्मेलन आदि के लिए एक प्लान भी तैयार करने वाला है।

बता दें राजपूतों की एक संस्था मेवाड़ क्षत्रिय महासभा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए अशोक गहलोत ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को विरासत के रूप में वीरता की इस गौरवशाली गाथा को सौंपना वर्तमान पीढ़ी का ही कर्तव्य है। 

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