डेस्क। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग को लेकर बड़ी घोषणा की है। इसरो ने मिशन, चंद्रयान-3 की लॉन्च तिथि की पुष्टि भी की है। अधिकारियों ने आज घोषणा की है कि रॉकेट 13 जुलाई को स्थानीय समयानुसार दोपहर 2:30 बजे लॉन्च भी किया जाएगा।
चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है और इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ के मुताबिक, अंतरिक्ष के क्षेत्र में ये भारत की एक और बड़ी कामयाबी साबित होगी।
इस मिशन को लॉन्च करने की तैयारी अपने अंतिम चरणों में है। वहीं लॉन्चिंग की तैयारियों में लगी टीम भारत के सबसे भारी रॉकेट, लॉन्च व्हीकल मार्क-III पर मध्य जुलाई तक लॉन्चिंग के लक्ष्य को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत भी कर रही है।
जानिए चंद्रयान-3 के बारे में
चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से एलवीएम3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-III) द्वारा लॉन्च किया जाएगा और इसरो के अधिकारियों के मुताबिक, चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का ही अगला प्रोजेक्ट है, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और परीक्षण भी करेगा। इसमें लैंडर और रोवर भी शामिल हैं।
यह चंद्रयान-2 की तरह ही दिखेगा जिसमें की एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर भी होगा। चंद्रयान-3 का फोकस चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंड करने पर है। मिशन की सफलता के लिए नए उपकरण बनाए भी गए हैं, एल्गोरिदम को बेहतर किया गया है और जिन वजहों से चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह पर उतरने में असफल रहा, उन पर फोकस भी किया गया है।
चंद्रयान -3 के लॉन्च का एलान चंद्रयान -2 के लैंडर-रोवर के दुर्घटनाग्रस्त होने के चार साल बाद में हुआ है। चंद्रयान-3 मिशन के जुलाई में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रमा के उस हिस्से तक लॉन्च होने की उम्मीद है, जिसे डार्क साइड ऑफ मून बोला जाता हैं। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यह हिस्सा पृथ्वी के सामने कभी नहीं आता।