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वोटर लिस्ट को लेकर बड़ा बदलाव करने जा रही केन्द्र सरकार 

 

 

डेस्क। चुनाव के समय वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लेकर कई बार मामले सामने आते रहे हैं। अलग-अलग चुनावों के दौरान लोगों को उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब भी मिलता है। इसके अलावा कई बार मृत लोगों के नाम भी वोटर लिस्ट में ही मिल जाते हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए मोदी सरकार बड़ा कदम उठाने भी जा रही है। 

केंद्र सरकार जन्म और मृत्यु से जुड़े आंकड़ों को वोटर्स लिस्ट से जोड़ने के लिए संसद में एक विधेयक लाने की योजना भी बना रही है। ऐसा करने से वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों को दूर भी किया जा सकेगा।

गृहमंत्री शाह ने बताया है पूरा प्लान

गृहमंत्री अमित शाह ने महापंजीयक (Registrar General) और जनगणना आयुक्त (Census Commissioner) के कार्यालय ‘जनगणना भवन’ का उद्घाटन करते हुए बोला है कि जनगणना के आंकड़ों पर आधारित योजना से यह सुनिश्चित होता है कि विकास गरीब से गरीब व्यक्ति तक भी पहुंच सके।

अमित शाह ने यह भी बोला है कि यदि जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र के आंकड़ों को विशेष तरीके से संरक्षित किया जाए तो विकास कार्यों की समुचित योजना भी बनाई जा सकती है।

 उन्होंने यह भी कहा है कि जनगणना एक ऐसी प्रक्रिया है जो विकास के एजेंडे का आधार भी बन सकती है।

केंद्र सरकार संसद में एक विधेयक लाने की तैयारी कर रही है। इसमें मृत्यु और जन्म रजिस्टर को वोटर्स लिस्ट से जोड़ा भी जाएगा। 

साथ ही जब कोई व्यक्ति 18 साल का होगा, तो उसका नाम स्वत: मतदाता सूची में शामिल भी हो जाएगा। इसके अलावा किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर इसकी जानकारी निर्वाचन आयोग के पास भेजी जाएगी। इसके बाद उस व्यक्ति का नाम मतदाता सूची से हटा भी दिया जाएगा।

और इतना ही नहीं जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम (आरबीडी), 1969 में संशोधन विधेयक से ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जारी करने, लोगों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने से संबंधित मामलों आदि में भी सुविधा दी जाएगी।

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