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Aliens News: 50 साल पहले ही मिल गए थे एलियंस 

 

डेस्क। Aliens News: दुनिया की सबसे बड़ी अनसुलझी पहेली ये है कि क्या एलियंस सच में मौजूद हैं और ये एक ऐसा सवाल है, जिसका जवाब अभी तक ढूंढा नहीं जा सका है। इंसान ने चांद से लेकर सूरज तक मिशन भेज लिए, लेकिन अब तक एलियंस का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है।

इस बीच एलियंस को लेकर एक सनसनीखेज दावा किया गया है और कहा गया है कि एलियंस को 50 साल पहले ही ढूंढ लिया गया था।

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार टेक्निकल यूनिवर्सिटी बर्लिन के फैकल्टी मेंबर और एस्ट्रोबायोलॉजी प्रोफेसर डिर्क शुल्ज-मकुच का यह कहना है कि एलियंस को 50 साल पहले ही ढूंढ लिया गया था पर अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने अनजाने में सबको खत्म कर दिया और उनका दावा है कि एलियंस की खोज सूक्ष्मजीव के तौर पर हुई थी, जो मंगल ग्रह की मिट्टी में रह रहे थे और नासा की गलती के चलते वे सभी मारे गए। 

नासा ने 1970 के दशक में भेजा था मंगल पर मिशन 

दरअसल, नासा ने 1970 के मध्य में वाइकिंग प्रोग्राम की शुरुआत की थी और इसके तहत मंगल ग्रह पर दो लैंडर भेजे गए। मिशन के जरिए दुनिया ने पहली बार मंगल ग्रह की सतह की तस्वीर को देखा साथ ही लाल ग्रह पर जीवन की संभावना की जांच के लिए इसकी मिट्टी का जैविक विश्लेषण भी किया गया है। प्रोफेसर के मुताबिक, मंगल ग्रह पर कई तरह से एक्सपेरिमेंट किए गए, ताकि उसकी मिट्टी की बनावट को समझा भी जा सके।

मंगल ग्रह पर कैसे मारे गए एलियंस? 

वाइकिंग प्रोग्राम के तहत किए गए एक्सपेरिमेंट के हिस्से के तौर पर पोषक तत्व मिले हुए पानी और रेडियोएक्टिव कार्बन को मंगल ग्रह की मिट्टी में मिलाया गया है। वैज्ञानिकों का मानना था कि अगर मंगल ग्रह पर संभावित सूक्ष्मजीव होंगे, तो वे जीवन के लिए पोषक तत्वों को खाएंगे भी। इससे रेडियोएक्टिव कार्बन गैस बाहर निकलेगी और जिसे डिटेक्ट कर मंगल ग्रह पर एलियंस जीवन की पुष्टि करी गई है। 

यहां हैरानी की बात तो ये है कि शुरुआती नतीजों में रेडियोएक्टिव गैस बाहर भी निकली, मगर सूक्ष्मजीवों के बारे में कोई भी ठोस सबूत नहीं मिल पाया है। एस्ट्रोबायोलॉजी प्रोफेसर डिर्क शुल्ज-मकुच का यह कहना है कि नासा के इस एक्सपेरिमेंट की वजह से सूक्ष्मजीवों को जरूरत से ज्यादा पोषक तत्व मिल गए होंगे जिनकी वजह से उनकी जान तक चली गई होगी।

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