PM SETU Yojana: 60,000 करोड़ की इस योजना ने सबको चौंकाया, अब घर बैठे नहीं सीधा ‘हाई-प्रोफाइल’ जॉब

Published On: December 27, 2025
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PM SETU Yojana: 60,000 करोड़ की इस योजना ने सबको चौंकाया, अब घर बैठे नहीं सीधा 'हाई-प्रोफाइल' जॉब

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PM SETU Yojana: देश के करोड़ों युवाओं और आईटीआई (ITI) संस्थानों के लिए एक ऐसी खबर आई है, जो किसी क्रांतिकारी बदलाव से कम नहीं है। अब वे दिन गए जब आईटीआई को सिर्फ पुरानी मशीनों और आउटडेटेड कोर्सेज का ठिकाना माना जाता था। केंद्र सरकार ने आईटीआई की तस्वीर बदलने के लिए अपनी तिजोरी खोल दी है। प्रधानमंत्री मोदी की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘विकसित भारत’ की नींव को मजबूत करने के लिए 60,000 करोड़ रुपये की ‘पीएम सेतु’ (PM-SETU) योजना पर काम शुरू हो चुका है। यह बदलाव इतना बड़ा है कि इसने पूरी इंडस्ट्री और छात्रों के बीच खलबली मचा दी है।

ITI में आने वाला है बड़ा भूकंप! बदल जाएंगे कोर्सेज और मशीनें

भारत में अभी तक आईटीआई (Industrial Training Institutes) में वर्षों पुराने सिलेबस पढ़ाए जा रहे थे, जिनका मार्केट की मांग से कोई मेल नहीं था। लेकिन अब कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है। ‘पीएम सेतु’ योजना के तहत देश भर की आईटीआई को सीधे बड़ी-बड़ी कंपनियों (Industry) से जोड़ दिया गया है। यानी अब पढ़ाई वैसी होगी, जैसी नौकरी के लिए ज़रूरत है।

कैबिनेट ने इसके लिए 60 हजार करोड़ रुपये के भारी-भरकम बजट को हरी झंडी दिखाई है। इस निवेश से न सिर्फ आईटीआई का बुनियादी ढांचा सुधरेगा, बल्कि वहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स जैसे भविष्य के कोर्सेज की एंट्री होगी।

‘हब-एंड-स्पोक’ मॉडल: क्या है यह जादुई फॉर्मूला?

सरकार ने आईटीआई को अपग्रेड करने के लिए “हब-एंड-स्पोक” (Hub-and-Spoke) मॉडल तैयार किया है। इसका मतलब यह है कि पूरे देश में:

  1. 200 हब (नोडल) आईटीआई बनाई जाएंगी, जो आधुनिक तकनीक के बड़े केंद्र होंगे। इन्हें ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ कहा जाएगा।

  2. 800 स्पोक आईटीआई इन हब संस्थानों से जुड़कर काम करेंगी।

  3. औसतन एक ‘हब’ के साथ 4 ‘स्पोक’ आईटीआई जुड़ी होंगी।

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यहाँ चौंकाने वाली बात यह है कि हर ‘हब आईटीआई’ में कम से कम 4 नए आधुनिक कोर्सेज शुरू होंगे और 10 पुराने कोर्सेज को पूरी तरह से अपग्रेड किया जाएगा। स्पोक संस्थानों में भी नए जमाने की ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि गाँवों और छोटे शहरों के छात्र भी पीछे न रहें।

AI स्किल्स: अब मशीन नहीं, ‘स्मार्ट दिमाग’ तैयार होंगे

कौशल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने साफ कर दिया है कि भारत को दुनिया की ‘एआई राजधानी’ बनाना है। उन्होंने बताया कि सरकार, इंडस्ट्री और एकेडमी को एक साथ आकर ‘एआई-सक्षम इकोनॉमी’ की नींव रखनी होगी। अब आईटीआई में छात्र न केवल इंजन रिपेयर करना सीखेंगे, बल्कि एआई, क्लाउड कंप्यूटिंग और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में महारत हासिल करेंगे।

नौकरी की 100% गारंटी? प्लेसमेंट पर विशेष ध्यान

इस योजना का सबसे मजबूत पहलू है ‘प्लेसमेंट’। मंत्रालय ने कर्नाटक, गुजरात, असम और चंडीगढ़ जैसे राज्यों के साथ मिलकर उद्योगों (Industries) को ईओआई (EOI) जारी करने का आमंत्रण दिया है। अब कंपनियां खुद आईटीआई में आएंगी, अपनी ज़रूरतों के हिसाब से बच्चों को ट्रेनिंग देंगी और कोर्स खत्म होते ही उन्हें अच्छी सैलरी वाली जॉब देंगी। प्लेसमेंट सेवाओं को सीधे ‘हब आईटीआई’ के साथ जोड़ दिया गया है, ताकि एक भी हुनरमंद युवा खाली हाथ न रहे।

2014 से 2025: एक दशक में बदली तस्वीर

आंकड़ों पर गौर करें तो 2014 तक देश में मात्र 10 हजार आईटीआई थीं, लेकिन पिछले एक दशक में 5 हजार नई आईटीआई बनाई गईं। अब कुल संख्या 15 हजार हो चुकी है। सरकार का लक्ष्य संख्या बढ़ाना ही नहीं, बल्कि इनकी क्वालिटी को विश्वस्तरीय बनाना है। मई 2025 से इस अभियान में और तेज़ी आएगी, जहाँ उद्योगों के ट्रेनिंग एक्सपर्ट्स खुद संस्थानों में जाकर पढ़ाएंगे।

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विकसित भारत की असली ‘वर्कशॉप’

प्रधानमंत्री ने सही कहा था कि आईटीआई हमारे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की असली वर्कशॉप हैं। ‘पीएम सेतु’ योजना के बाद आईटीआई केवल प्रमाणपत्र देने वाले केंद्र नहीं, बल्कि करियर संवारने वाले हब बन जाएंगे। अगर आप भी किसी तकनीकी कौशल की तलाश में हैं, तो अब सही समय है ‘न्यू इंडिया’ की इस डिजिटल क्रांति से जुड़ने का।

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