डेस्क। पौष मास हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण बताया जाता है। वहीं इस मास में जहां कुछ कार्य करना शुभ होता है वहीं कई काम करना बेहद अशुभ भी माना जाता है। वहीं हिंदू कैलेंडर के अनुसार ये दसवां मास होता है और इस मास में भगवान सूर्य के साथ भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया जाता है।
आपको यह भी बता दें कि इस मास में पितरों को तर्पण भी देने का खास पुण्य मिलता है इसके साथ ही यही कारण है कि इसे छोटा पितृ पक्ष मास भी बोला जाता है। वहीं इस माह में पिंडदान, श्राद्ध, तर्पण करना भी शुभ होता है। और ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति भीं मिलती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद आने वाले वंश को मिलता है।
पौष मास में कुछ कामों को करना बेहद ही शुभ माना जाता है और कुछ कामों को करने की सख्त मनाही भी होती है। तो चलिए जानें कि पौष मास में क्या करना चाहिए और क्या करने से बचने चाहिए।
कब से कब तक होता है पौष मास 2022
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास 9 दिसंबर से शुरू हो रहा है जो नए साल में 7 जनवरी 2023 को समाप्त भी होगा।
पौष मास में क्या करें
पौष मास के पूरे माह में रोज सूर्य की उपासना करें और जल भी अर्पित करें। जल में सिंदूर, लाल फूल और थोड़ा सा अक्षत डाल लें फिर जल देते हुए ‘ऊँ हीं ह्रीं सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप भी करें।
पौष मास में भगवान विष्णु की पूजा करें और गीता का पाठ और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ भी करें।
इस माह लाल या फिर पीले रंग के वस्त्र धारण करना शुभ बताया गया है।
इस मास में जरूरतमंदों को कंबल, गर्म कपड़े, गुड़, तिल का दान देना चहिए।
पूर्वजों की आत्मा शांति के लिए तर्पण, पिंडदान जरूर दें।
पौष मास में गुड़, लौंग, अदरक, अजवाइन जैसी गर्म चीजों का सेवन करें।
पौष मास में क्या न करें
पौष मास में मांस मदिरा के अलावा बैंगन, मूली, मसूर की दाल, फूल गोभी, उड़द की दाल का सेवन आपको नहीं करना चाहिए। इससे आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।
पौष मास में चीनी या मीठी चीजों के सेवन से भी बचना चाहिए।
पौष मास में ही खरमास भी शुरू होता है, इसलिए खरमास में मांगलिक कार्य या कोई नया काम शुरू करने से आपको बचना चाहिए।
बता दें खरमास के दौरान नए काम या व्यवसाय का आरंभ बिल्कुल भी न करें।
पौष मास में नमक का सेवन जितना हो सके कम से कम करें।