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Vastu Tips: घर की दहलीज पर टिकी होती है व्यक्ति की उन्नति 

 

 

डेस्क। Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में सुख-समृद्धि, धन-धान्य की बढ़ोतरी के लिए कई नियम और उपाय बताए गए हैं और ऐसे ही किस दिशा में घर होना चाहिए या फिर घर के किस कोने में कौन सी चीज रखनी चाहिए। इस बारे में भी विस्तार से बताया गया है। 

ऐसा भी माना जाता है कि प्रवेश द्वार घर का सबसे जरूरी हिस्सा होता है, क्योंकि यहां से सबसे अधिक नकारात्मक या फिर सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है। इसलिए जरूरी है कि प्रवेश द्वार की दिशा से लेकर क्या-क्या चीजें लगानी चाहिए इन सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए।

आज के समय में घर बनवाते समय लोग दहलीज या चौखट बनवाते ही नहीं है। आपको बता दें कि वास्तु के हिसाब से यह कई दोषों का कारण बन सकता है। तो जानिए घर की दहलीज का महत्व और वास्तु नियम के बारे में।

दहलीज का महत्व

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दहलीज को मां लक्ष्मी से जोड़कर देखा जाता है और ऐसा भी माना जाता है कि मां हमेशा प्रवेश द्वार से ही घर में प्रवेश करती है। ऐसे में अगर घर में चौखट नहीं है तो वह प्रवेश नहीं करती है। इसके साथ ही अधिक नकारात्मक ऊर्जा भी प्रवेश करती रहती है।

क्या होते हैं दहलीज संबंधी वास्तु नियम

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दहलीज या चौखट कभी भी टूटी-फूटी या फिर खंडित नहीं होना चाहिए और अगर है तो इसकी तुरंत ही मरम्मत करा देनी चाहिए।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, लकड़ी से बना चौखट सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती है। अगर आप लकड़ी का नहीं बनवाना चाहते हैं, तो फिर मार्बल का भी बनवा सकते हैं।

अगर आप घर के द्वार में चौखट नहीं बनवाना चाहते हैं, तो मुख्य द्वार और किचन में जरूर से बनवाना चाहिए।

वास्तु शास्त्र की माने तो घर में मौजूद चौखट एक सीमा निर्धारित करती है। इसलिए इसका ध्यान भी जरूर से रखना चाहिए।

नियमित रूप से साथ ही चौखट के बाहर रंगोली बना सकते हैं और यह काफी शुभ मानी जाती है।

घर के प्रवेश द्वार में चौखट होने से व्यक्ति के घर में सकारात्मक ऊर्जा अधिक आती है। ऐसे में घर में रहने वाले सदस्यों के बीच प्रेम भी बना रहता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति भी होती है।

घर के माहौल को शांत रखने के लिए दहलीज बनवाते समय एक चांदी का तार भी डाल देना चाहिए। ऐसा करना काफी शुभ माना जाता है।

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