धर्म

माता सती के चार शक्तिपीठ जो आजतक बने हैं पहेली

 

डेस्क। देशभर में माता सती के पावन स्थल हैं जिन्हें शक्तिपीठ के रुप में जाना भी जाता है।माता सती के इन शक्तिपीठों के दर्शन के लिए वैसे तो साल भर भक्तों का आना जाना यहां लगा रहता है पर नवरात्रि के दौरान इन शक्तिपीठों की रौनक देखते ही नहीं बनती है।

हिंदू धर्म के शास्त्रों में माता सती के 51 शक्तिपीठों का जिक्र है। मान्यताओं के अनुसार जहां-जहां माता सती के अंगों के टुकड़े और आभूषण गिरे थे उन जगहों को शक्तिपीठ के रुप में पूजा की जाने लगी।

देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन दिया गया है जबकि देवी भागवत में कुल 108 शक्तिपीठ और देवी गीता में 72 शक्तिपीठ बताए गए हैं और मुख्यतौर पर देवी के 51 शक्तिपीठ ही माने जाते हैं जहां माता सती के अंगों के टुकड़े भीं गिरे थे।

देवी के इन 51 शक्तिपीठों में से आपने भी कई स्थानों के दर्शन किए होंगे और इनमें ऐसे 4 रहस्यमयी शक्तिपीठ भी शामिल हैं जिनके बारे में अधिकांश लोग जानते ही नहीं और ना ही इन शक्तिपीठों से जुड़े रहस्य को कोई जान पाया है।

इस लेख के जरिए हम आपको माता सती के रहस्यमयी शक्तिपीठ के बारे में बताने जा रहे हैं जो आज भी अज्ञात हैं और उनके रहस्य आज तक कोई भी नहीं जान सका है।

माता सती के रहस्यमयी शक्तिपीठ –

1- कालमाधव शक्तिपीठ 

51 शक्तिपीठों में शामिल कालमाधव शक्तिपीठ को लेकर मान्यता है कि यहां माता सती के बाएं कूल्हे गिरे थे, बता दें यह कहा जाता है कि इस शक्तिपीठ में देवी सती कालमाधव और शिव असितानंद के नाम से विराजमान हैं। हालांकि यह शक्तिपीठ किसी रहस्य से कम नहीं है और यही वजह है कि यह स्थान आज तक अज्ञात है।

2- रत्नावली शक्तिपीठ 

रत्नावली शक्तिपीठ को लेकर मान्यता है कि इस स्थान पर माता सती का कंधा गिरा था और कहा जाता है कि माता का यह अंग मद्रास के आस-पास गिरा था लेकिन आज भी इसकी सही स्थिति को लेकर रहस्य बरकरार है। इस वजह से इस शक्तिपीठ के बारे में आज भी लोग नहीं जानते हैं।

3- पंचसागर शक्तिपीठ 

माता सती के रहस्यमयी शक्तिपीठों में शुमार पंचसारग शक्तिपीठ को लेकर कहा जाता है कि इस स्थान पर माता सती का निचला जबड़ा गिरा था और यहां देवी सती को वरही कहा गया है और इसका जिक्र शास्त्रों में मिलता है लेकिन यह शक्तिपीठ किस स्थान पर है आज भी लोग इससे अंजान ही हैं।

4- लंका शक्तिपीठ

माता के 51 शक्तिपीठों में लंका शक्तिपीठ का भी वर्णन मिलता है लेकिन इसकी वास्तविक स्थिति को लेकर आज भी रहस्य बना हुआ है। यह कहा जाता है कि इस स्थान पर देवी सती का कोई गहना गिरा था और इस पावन स्थल पर माता सती को इंद्राक्षी और शिव को रक्षेश्वर बोलते हैं।

गौरतलब है कि माता सती के रहस्यमयी शक्तिपीठ का जिक्र 51 शक्तिपीठों में मिलता है लेकिन आज भी इनकी वास्तविक स्थिति को लेकर रहस्य बना हुआ है। और यही वजह है कि अधिकांश लोगों को इन 4 शक्तिपीठों और इनकी वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।

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