आध्यात्मिक– रामायण हिन्दू धर्म का सबसे प्रिय और लोकप्रिय धर्म ग्रन्थ है। लोग रामायण को बड़े श्रद्धा भाव के साथ पढ़ते हैं। लोगो का कहना है कि रामायण पढ़ने से उनके न सिर्फ कष्ट कम होते हैं बल्कि उनके जीवन मे सकारात्मकता आती है और जीवन के सभी क्लेश मिट जाते हैं।
वही आज हम आपको रामायण की कुछ ऐसे चौपाइयों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हें कष्टनिवारक कहा जाता है। कहते हैं यदि आप रोज इन चौपाइयों को पढ़ते हैं तो आपका जीवन कष्ट मुक्त होता है और आप अपने परिवार के साथ सुखी जीवन व्यतीत करते हैं।
जाने रामायण की कष्टनिवारक चौपाई-
मामभिरक्षक रघुकुल नायक |
घृत वर चाप रुचिर कर सायक ||
राजिव नयन धरे धनु सायक |
भक्त विपत्ति भंजन सुखदायक ||
मोरे हित हरि सम नहि कोऊ |
एहि अवसर सहाय सोई होऊ ||
वंदौ बाल रुप सोई रामू |
सब सिधि सुलभ जपत जोहि नामू ||
सुमिर पवन सुत पावन नामू |
अपने वश कर राखे राम ||
दीन दयालु विरद संभारी |
हरहु नाथ मम संकट भारी ||
सकल विघ्न व्यापहि नहि तेही |
राम सुकृपा बिलोकहि जेहि ||
दैहिक दैविक भोतिक तापा |
राम राज्य नहि काहुहि व्यापा ||
राम भक्ति मणि उर बस जाके |
दुःख लवलेस न सपनेहु ताके ||
गई बहोरि गरीब नेवाजू |
सरल सबल साहिब रघुराजू ||
सीता राम चरण रत मोरे |
अनुदिन बढे अनुग्रह तोरे ||