धर्म

पीपल के पेड़ का हिन्दू धर्म में है विशेष महत्त्व 

 

डेस्क। हिंदू धर्म में पेड़-पौधों को देवी-देवताओं के समान माना गया है जिनकी पूजा करने पर व्यक्ति को संबंधित देवी-देवता या फिर ग्रह विशेष का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। पीपल के बारे में मान्यता है कि उसमें जगत के पालनहार भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ तमाम देवी-देवता निवास भी करते हैं।

यही कारण है कि हिंदू धर्म में पीपल के पौधे को बहुत ज्यादा पवित्र मानते हुए उसकी पूजा का विशेष विधान भी बताया गया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि सप्ताह में एक दिन ऐसा भी आता है, जब उसकी पूजा भूलकर भी नहीं करनी चाहिए, आइए पीपल की पूजा के नियम, उपाय और धार्मिक महत्व को विस्तार के बारे में

पीपल की पूजा के हैं धार्मिक लाभ

हिंदू मान्यता के अनुसार पीपल की पूजा करने पर व्यक्ति पर भगवान श्री विष्णु का आशीर्वाद भी बना रहता है। इसी प्रकार पीपल की पूजा से धन की देवी मां लक्ष्मी और शनिदेव की कृपा भी बनी रहती है। इसी प्रकार हिंदू मान्यता है कि पीपल पर पितरों का भी वास होता है और ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अमावस्या तिथि पर पीपल को जल देता है तो उसके पितर उससे प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद भी देते हैं। इस दी की गई पीपल की पूजा कुंडली में स्थित शनि दोष से मुक्ति भी दिलाती है।

कब भूलकर न करें पीपल की पूजा

हिंदू मान्यता के अनुसार पीपल की पूजा के लिए कुछ दिन शुभ तो कुछ अशुभ माने गए हैं। साथ ही हिंदू मान्यता के अनुसार पीपल की पूजा के लिए सप्ताह के छह दिन यानि सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को जहां शुभ और पुण्यदायी माना गया है तो वहीं रविवार के दिन उसकी पूजा करने पर दोष भी मिलता है। हिंदू मान्यता के अनुसार रविवार के दिन पीपल पर मां लक्ष्मी की बहन दरिद्रा का वास होता है, जिसके कारण इस दिन पूजा करने पर व्यक्ति के जीवन में गरीबी आती है और उसे हर समय पैसों का संकट भी बना रहता है।

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