आध्यत्मिक– हिन्दू धर्म मे पूजा पाठ का अनोखा महत्व है। कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति विधि विधान से देवी देवताओं को पूजता है। उसके जीवन से कष्ट मिट जाते हैं और जीवन मे सुख रहता है। वहीं अगर हम बात गायत्री देवी की पूजा याचना की करें। तो जो भी व्यक्ति इनके 108 नामों का नित्य विधि पूर्वक जाप करता है उनके न सिर्फ सभी कष्ट दूर होते हैं। अपितु उसके जीवन से दुख का नाश हो जाता है और घर मे सुख समृद्धि बनी रहती है।
तो आइये जानते हैं माता गायत्री के 108 नाम जिनके जाप मात्र से मिलता है सुख-
1. ॐ श्री गायत्र्यै नमः।
2. ॐ जगन्मात्रे नमः।
3. ॐ परब्रह्मस्वरूपिण्यै नमः।
4. ॐ परमार्थप्रदायै नमः।
5. ॐ जप्यायै नमः।
6. ॐ ब्रह्मतेजोविवर्धिन्यै नमः।
7. ॐ ब्रह्मास्त्ररूपिण्यै नमः।
8. ॐ भव्यायै नमः।
9. ॐ त्रिकालध्येयरूपिण्यै नमः।
10. ॐ त्रिमूर्तिरूपायै नमः।
11. ॐ सर्वज्ञायै नमः।
12. ॐ वेदमात्रे नमः।
13. ॐ मनोन्मन्यै नमः।
14. ॐ बालिकायै नमः।
15. ॐ तरुण्यै नमः।
16. ॐ वृद्धायै नमः।|
17. ॐ सूर्यमण्डलवासिन्यै नमः।
18. ॐ मन्देहदानवध्वंसकारिण्यै नमः।
19. ॐ सर्वकारणायै नमः।
20. ॐ हंसारूढायै नमः।
21. ॐ गरुडारूढायै नमः।
22. ॐ वृषभारूढायै नमः।
23. ॐ शुभायै नमः।
24. ॐ षट्कुक्षिण्यै नमः।
25. ॐ त्रिपदायै नमः।
26. ॐ शुद्धायै नमः।
27. ॐ पञ्चशीर्षायै नमः।
28. ॐ त्रिलोचनायै नमः।
29. ॐ त्रिवेदरूपायै नमः।
30. त्रिविधायै नमः।
31. ॐ त्रिवर्गफलदायिन्यै नमः।
32. ॐ दशहस्तायै नमः।
33. ॐ चन्द्रवर्णायै नमः।
34. ॐ विश्वामित्रवरप्रदायै नमः।
35. ॐ दशायुधधरायै नमः।
36. ॐ नित्यायै नमः।
37. ॐ सन्तुष्टायै नमः।
38. ॐ ब्रह्मपूजितायै नमः।
39. ॐ आदिशक्त्यै नमः।
40. ॐ महाविद्यायै नमः।
41. ॐ सुषुम्नाख्यायै नमः।
42. ॐ सरस्वत्यै नमः।
43. ॐ चतुर्विंशत्यक्षराढ्यायै नमः।
44. ॐ सावित्र्यै नमः।
45. ॐ सत्यवत्सलायै नमः।
46. ॐ सन्ध्यायै नमः।
47. ॐ रात्र्यै नमः।
48. ॐ प्रभाताख्यायै नमः।
49. ॐ सांख्यायनकुलोद्भवायै नमः।
50. ॐ सर्वेश्वर्यै नमः।
51. ॐ सर्वविद्यायै नमः।
52. ॐ सर्वमन्त्राद्यै नमः।
53. ॐ अव्ययायै नमः।
54. ॐ शुद्धवस्त्रायै नमः।
55. ॐ शुद्धविद्यायै नमः।
56. ॐ शुक्लमाल्यानुलेपनायै नमः।
57. ॐ सुरसिन्धुसमायै नमः।
58. ॐ सौम्यायै नमः।
59. ॐ ब्रह्मलोकनिवासिन्यै नमः।
60. ॐ प्रणवप्रतिपाद्यार्थायै नमः।
61. ॐ प्रणतोद्धरणक्षमायै नमः।
62. ॐ जलाञ्जलिसुसन्तुष्टायै नमः।
63. ॐ जलगर्भायै नमः।
64. ॐ जलप्रियायै नमः।
65. ॐ स्वाहायै नमः।
66. ॐ स्वधायै नमः।
67. ॐ सुधासंस्थायै नमः।
68. ॐ श्रौषट्वौषट्वषट्क्रियायै नमः।
69. ॐ सुरभ्यै नमः।
70. ॐ षोडशकलायै नमः
71. ॐ मुनिबृन्दनिषेवितायै नमः।
72. ॐ यज्ञप्रियायै नमः।
73. ॐ यज्ञमूर्त्यै नमः।
74. ॐ स्रुक्स्रुवाज्यस्वरूपिण्यै नमः।
75. ॐ अक्षमालाधरायै नमः।
76. ॐ अक्षमालासंस्थायै नमः।
77. ॐ अक्षराकृत्यै नमः।
78. ॐ मधुछन्दसे नमः।
79. ॐ ऋषिप्रीतायै नमः।
80. ॐ स्वच्छन्दायै नमः।
81. ॐ छन्दसांनिधये नमः।
82. ॐ अङ्गुलीपर्वसंस्थानायै नमः।
83. ॐ चतुर्विंशतिमुद्रिकायै नमः।
84. ॐ ब्रह्ममूर्त्यै नमः।
85. ॐ रुद्रशिखायै नमः।
86. ॐ सहस्रपरमाम्बिकायै नमः।
87. ॐ विष्णुहृदयायै नमः।
88. ॐ अग्निमुख्यै नमः।
89. ॐ शतमध्यायै नमः।
90. ॐ दशावरणायै नमः।
91. ॐ सहस्रदलपद्मस्थायै नमः।
92. ॐ हंसरूपायै नमः।
93. ॐ निरञ्जनायै नमः।
94. ॐ चराचरस्थायै नमः।
95. ॐ चतुरायै नमः।
96. ॐ सूर्यकोटिसमप्रभायै नमः।
97. ॐ पञ्चवर्णमुख्यै नमः।
98. ॐ धात्र्यै नमः।
99. ॐ चन्द्रकोटिशुचिस्मितायै नमः।
100. ॐ महामायायै नमः।
101. ॐ विचित्राङ्ग्यै नमः।
102. ॐ मायाबीजनिवासिन्यै नमः।
103. ॐ सर्वयन्त्रात्मिकायै नमः।
104. ॐ सर्वतन्त्ररूपायै नमः।
105. ॐ जगद्धितायै नमः।
106. ॐ मर्यादापालिकायै नमः।
107. ॐ मान्यायै नमः।
108. ॐ महामन्त्रफलप्रदायै नमः।