आध्यत्मिक- जहां नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से व्यक्ति दुखी होता है और उसे कष्टों से जूझना पड़ता है। घर मे बेवजह की कलह लगी रहती है और तनाव का वातावरण रहता है। वहीं अगर व्यक्ति के जीवन मे सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव हो तो व्यक्ति जीवन पर्यंत सुखी रहता है और उसे कभी भी कष्टों से नही जूझना पड़ता है।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि इस संसार मे सुखी रहने का एक मात्र माध्यम सकारात्मक ऊर्जा है। यदि व्यक्ति सकारात्मक रहता है तो वह सुखी और सफल रहता है। आचार्य चाणक्य के मुताबिक- व्यक्ति सफल तभी होता है जब वह शांत स्वभाव के साथ हर उस परिस्थिति को स्वीकार लेता है जो उसे मिली है और सकारात्मक सोच के साथ अपने जीवन मे सुखी रहता है।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि जब आप परिस्थितियों को स्वीकार कर लेते हैं और जो आपको हासिल हुआ है उसमें सुखी रहते हैं। दूसरों से उम्मीद नही लगाते और इर्ष्या की जगह हर चीज को सकारात्मक व्यवहार के साथ स्वीकार लेते हैं। तो आप इस संसार के दुखों से मुक्त हो जाते हैं और आपका सम्पूर्ण जीवन सुखमय हो जाता है।