आध्यात्मिक– आज 25 अक्टूबर को देश का आखिरी सूर्यग्रहण है। आज सुबह 4 बजकर 22 मिनट से सूतक काल आरम्भ हो गया है। सूतक काल के दौरान न तो भगवान की पूजा की जाती है और न ही मंदिर के पट खुले रहते हैं।
आज शाम को भारत मे सूर्य ग्रहण लगेगा। हालाकि सूतक काल 12 घंटे पहले लगता है। इसलिए सुबह से ही सूतक काल आरम्भ हो गया है। तो आइए जानते हैं है सूतक काल से जुड़े कुछ विशेष नियमो के बारे में जिनका पालन करना आवश्यक होता है-
धार्मिक ग्रन्थों के मुताबिक- सूतक काल के दौरान न तो भोजन किया जाता है और न ही भोजन बनाया जाता है। लेकिन बच्चे, बूढ़े और बीमार व्यक्तियों के लिये यह नियम लागू नही होता है।
सूतक काल लग गया है और अगर आपके घर मे भोजन पहले से बना रखा है। तो आपको भोजन, दूध आदि में तुलसी की पत्ती डाल देनी चाहिए। तुलसी की पत्ती भोजन में डालने के बाद इसे दूषित नही माना जाता है।
यदि कोई महिला गर्भवती है। तो उसे अपने पेट पर सूतक काल के दौरान गेरू लगा लेनी चाहिए और घर से बाहर सूतक काल से लेकर सूर्य ग्रहण तक बाहर नही निकलना चाहिए।
वही जब सूतक काल और सूर्य ग्रहण चल रहा हो तो गर्भवती महिलाओं को नुकीली चीजे सुई बगैरा का इस्तेमाल नही करना चाहिए।
सूतक काल के दौरान किसी भी व्यक्ति को मंदिर में पूजा पाठ नही करना चाहिए। लेकिन अपने मन मे आन्तरिक जाप जरूर कर लेना चाहिए। इससे मन शांत होता है और खुशी मिलती है।