डेस्क। धर्म नगरी काशी में भाई बहन के प्यार का पवित्र त्योहार भाई दूज बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाने वाला पर्व है। वहीं इस खास दिन बहनें अपने भाइयों की लम्बी उम्र की कामना कर गोबर का गोवर्धन बनाकर पूजा अर्चना करती हैं।
वहीं इस दौरान कथा सुनने की परंपरा भी है। साथ ही एक अनोखी परंपरा है कि बहनें अपने भाइयों की लम्बी आयु की कामना के लिए उन्हें श्राप भी देती हैं। वहीं इसके बाद बहनें जीभ पर कांटा चुभा कर इसके लिए क्षमा याचना भी करती हैं।वाराणसी के तमाम मुहल्लों और चौक चौराहों पर आज ये पूजा की जा रही है।
इस बार भाई दूज का त्योहार कहीं बुधवार तो कहीं पर गुरुवार को मनाया जाएगा साथ ही वाराणसी के ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने यह बताया कि इस दिन बहनें अपने भाइयों को मरने का श्राप देती हैं और फिर इसके लिए कांटा चुभाकर इसके लिए क्षमा भी मांगती हैं। वहीं इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है कि भाइयों को श्राप देने और अपशब्द कहने से उन्हें यमराज का भय नहीं रहता।
जानिए इस परंपरा के पीछे की कथा?
इस कथा के अनुसार एक बार यम और यमनी संसार में ऐसे व्यक्ति के खोज में विचरण (घूम) कर रहे थे, जिसकी बहन ने उन्हें कभी श्रापित और अपशब्द न कहा हो। क्योंकि ऐसे भाई को वो अपने साथ यमलोक ले जाना चाहते थे। विचरण के दौरान उन्हें एक ऐसा व्यक्ति भी मिला गया लेकिन जब इसकी जानकारी उसके बहन को हुई तो उसने अपने भाई की रक्षा के लिए उसे श्राप दे दिया और अपशब्द भी कहे। तब यमराज और यमनी उसके भाई के प्राण नहीं हर पाएं और बस तभी से यह परम्परा चली आ रही है।