डेस्क। स्कूल प्रिंसिपल को धमकाने और मारपीट के मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के विधायक अब्दुल रहमान की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं। वहीं जिस मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया है, उसमें 7 साल तक की सजा का प्रावधान भी है। बता दें नियम यह है कि अगर किसी विधायक को दो साल से ज्यादा समय की सजा होती है, तो उनकी विधानसभा की सदस्यता ही रद्द हो जाती है।
वहीं यह मामला 14 साल पुराना है। दिल्ली की एक अदालत में अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने बोला है कि अभियोजन पक्ष ने मामले को बिना किसी संदेह के सफलतापूर्वक साबित कर दिया है। न्यायाधीश ने कहा है कि, “अभियोजन पक्ष ने आरोपी आसमा के खिलाफ बिना किसी संदेह के आरोपों को सफलतापूर्वक साबित भी कर दिया है कि उसने एक लोक सेवक के कार्यों में बाधा पहुंचाई थी।” अभियोजन पक्ष के अनुसार, आसमा ने चार फरवरी 2009 को शिकायतकर्ता को थप्पड़ मारा था और उस वक्त शिकायतकर्ता दिल्ली के जाफराबाद इलाके में स्थित एस.के.वी स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत थीं।
अब्दुल रहमान आप से दिल्ली के सीलमपुर से विधायक हैं। मजिस्ट्रेट हरजीत सिंह जसपाल ने विधायक और उनकी पत्नी को भारतीय दंड संहिता की धारा 353/506 (पैरा II) r/w 34 के तहत दर्ज मामले में दोषी भी ठहराया है। असमा को अतिरिक्त रूप से आईपीसी की धारा 332 के तहत आरोपों में दोषी करार दिया गया था।