डेस्क। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से दिल्ली आम आदमी पार्टी और भाजपा की सियासत का अखाड़ा बनी चुकी है, ऐसे में बुधवार को कैबिनेट मंत्री राजकुमार आनंद के पद और पार्टी छोड़ने से सियासी पारा नए सिरे से काफी ऊपर चढ़ गया है।
संसदीय चुनावों की बिसात बिछने के साथ ही राजनीतिक दलों में शह और मात का खेल शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से दिल्ली आम आदमी पार्टी और भाजपा की सियासत का अखाड़ा बनी गई थी, ऐसे में बुधवार को कैबिनेट मंत्री राजकुमार आनंद के पद और पार्टी छोड़ने से सियासी पारा नए सिरे से ऊपर चढ़ गया है।
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यह माना जा रहा है कि अपने मंत्री के इस्तीफे और उनके अनुसूचित जाति की अनदेखी करने के आरोपों से बचाव कर पाना आप के लिए आसान भी नहीं होगा। इसने भाजपा के आप पर हमलावर होने की नई जमीन तैयार करी है। इसमें फिर से राजनीतिक नैतिकता का सवाल भी आप के सामने खड़ा हो गया है।
इस्तीफे के तुंरत बाद आप ने डैमेज कंट्राेल करने की कोशिश भी की गई है। आप नेताओं ने इसे भाजपा के डर और विधायकों की तोड़-फोड़ के आरोपों का प्रमाण भी बताया है।
सियासी जानकारों का ऐसा मानना है कि अनुसूचित जाति कोटे से दिल्ली सरकार के मंत्री राजकुमार आनंद का इस्तीफा चुनावों से पहले आप के लिए बड़ा झटका है। इससे भाजपा को आप और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चलाई जा रही मुहिम को बल भी मिलेगा।
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बता दें आनंद ने आप पर अनुसूचित जाति का विरोधी होने का आरोप लगाया है। यह इस्तीफा मुख्यमंत्री आवास में हुई उस बैठक के ठीक बाद आया है। जब पूरी आप 14 अप्रैल को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती को संविधान बचाओ-तानाशाही हटाओ दिवस के तौर पर मनाने की रणनीति भी तैयार कर रही थी। ऐसा माना जा रहा है कि आनंद अगर शांत नहीं बैठते हैं तो आप को अपने एक बागी को जवाब देने में भी ऊर्जा लगानी पड़ जाएगी। साथ में अपने विधायकों की एकजुटता बनाए रखने की रणनीति पर भी काम करना होगा।
इस्तीफे के बाद प्रदेश भाजपा ने आप पर तीखे सवाल भी खड़े किए हैं। अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का ऐसा आरोप है कि मंत्री राजकुमार आनंद का इस्तीफा दिल्लीवासियों को गुमराह करने और धोखेबाजी की कहानी के अंत की शुरुआत भी है। यह वही कहानी है, जिसे अरविंद केजरीवाल ने 2011 में अन्ना आंदोलन के साथ शुरू किया था। अन्ना आंदोलन से अरविंद केजरीवाल के साथी रहे आनंद अपनी अंतरात्मा की आवाज पर सरकार से इस्तीफा देने को मजबूर हो गए हैं।
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वहीं आप के दूसरे नेता, विधायक व मंत्री भी देर तक शांत नहीं रहेंगे। भाजपा नेता प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने बोला है कि आप के मुख्यमंत्री सहित आधी सरकार जेल में है और बाकी जाने की तैयारी कर रहे हैं। जो बाहर बचे हुए हैं वे पार्टी को छोड़कर जा रहे हैं। साथ ही प्रवेश वर्मा का आरोप है कि आप सरकार भ्रष्टाचारी, अनैतिक और अराजक लोगों के हाथ में है।