डेस्क। देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर चर्चा काफी तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भोपाल में एक जनसभा को संबोधित करते हुए बोला था कि देश में दो कानून नहीं होना चाहिए। वहीं अब विपक्षी दल भी UCC पर सरकार का साथ दे सकते हैं और बसपा सुप्रीमो मायावती (BSP Chief Mayawati) ने UCC को लागू करने की बात बोली है पर उन्होंने कहा कि इसे सबसे बात करने के बाद लाया जाना चाहिए।
हमारी पार्टी UCC के खिलाफ नहीं: मायावती बोलीं
मायावती ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए UCC पर बीएसपी के स्टैंड को स्पष्ट किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी (बसपा) यूसीसी के कार्यान्वयन के खिलाफ नहीं है और जिस तरह से भाजपा देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की कोशिश कर रही है, हम उसका समर्थन नहीं करते हैं। आगे मायावती ने कहा कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना और जबरदस्ती UCC को देश में लागू करना बिलकुल भी ठीक नहीं है।
मायावती ने बोला है कि भारत में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध समेत विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं और उनके अलग-अलग रस्म-रिवाज भी है और इसे नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। अगर यहां पर रहने वाले हर धर्म के लोगों पर समान कानून लागू होता है तो उससे देश कमजोर नहीं बल्कि मजबूत बनेगा और इससे लोगों के बीच आपसी भाईचारा भी बढ़ेगा।
मायावती ने कहा कि भारतीय संविधान की धारा 14 में यूसीसी को बनाने का जिक्र किया गया है साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार यूसीसी को चर्चा का विषय बनाकर ध्यान भटकाने की राजनीति कर रही है और यूसीसी का उल्लेख पहले से ही संविधान में मिलता भी है।