इतिहास– मोहम्मद अली जिन्ना जिन्हें पाकिस्तान के राष्ट्रपिता के रूप में जाना जाता है। जिन्ना वह व्यक्ति थे जिन्होंने मुस्लिम समाज के लिए एक अलग राज्य पाकिस्तान के गठन की मांग की थी। पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने स्वतंत्र पाकिस्तान में ज्यादा दिन अपनी जिंदगी नही गुजारी और सितंबर 1948 में उनका इंतकाल हो गया।
मोहम्मद अली जिन्ना टीवी की बीमारी से ग्रसित थे। बीमारी से जूझ रहे पाकिस्तान के राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना क्वेटा को जियारत ले जाया गया। वहां वह 60 दिनों तक जिंदा रहे और बाद में उनकी मौत हो गई। जिन्ना की बहन ने किताब माय ब्रदर में जियारत का जिक्र किया है। यह वही जगह है जहां खरवारी बाबा रहते थे और यहां से उनको लोकप्रियता हासिल हुई।
जिन्ना की बहन ने किताब में लिखा जिन्ना काफी पीड़ित हैं। उन्हें आराम की आवश्यकता है लेकिन उन्हें सभाएं करने के लिये और भाषण देने के लिये निमंत्रण मिल रहे थे। इस सब को देखकर उन्हें जियारत भेज दिया गया। यह फैसला जिन्ना ने अपने लिये खुद लिया था। क्योंकि वह आराम करना चाहते थे।
जिन्ना ने हमेशा अपनी बीमारी को नजरअंदाज किया। उनकी बहन ने जब उनसे कहा की वह इस बीमरी का इलाज करवा लें तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोई बड़ी बीमारी नही है। महज उनके पेट मे थोड़ी समस्या है वह जल्द ही स्वास्थ्य हो जायेगे।
फातिमा ने आगे लिखा समय के साथ जिन्ना का स्वास्थ्य खराब होता गया। जब उन्हें अपना स्वास्थ्य खराब दिखा तब उन्होंने कहा शायद अब उन्हें अपना इलाज किसी हाकिम से करवाना चाहिए। उन्होंने 21 जुलाई को माना कि किसी डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है. प्राइवेट सेक्रेटरी फारुख अमीन के जरिए लाहौर के जाने-माने डॉ. कर्नल इलाही बख्श को संदेशा भेजा गया।
डॉक्टर जब जियारत आये तो जिन्ना उन्हें दिखाने पहुंचे। वहां उन्होंने डॉक्टर से कहा वह ठीक है। लेकिन डॉक्टर ने जब उनका चेकअप किया तो कहा उनका पेट ठीक है लेकिन उनके फेफड़े ठीक नही है। उन्हें जांच की जरूरत है। जब जिन्ना डॉक्टर की सलाह पर अगले दिन वहां सिविल सर्जन और पैथोलॉजिस्ट पहुंचे और वहां उन्होंने अपनी जांच करवाई तब इस बात की पुष्टि हुई की उन्हें टीवी हुई है।
जिन्ना के सामने जब यह बात आई तो वह बोले मुझे बहुत समय से यह बात पता है। जब मैं 12 साल का था तब ही मुझे पता चल गया था कि मैं टीवी का मरीज हूँ। लेकिन मैंने यह बात किसी को नही बताई। क्योंकि मैं नही चाहता था कि यह जानने के बाद हिन्दू मेरी मौत का इंतजार करें।