Harvard University: ट्रंप की $9 अरब की धमकी पर हार्वर्ड का पलटवार! प्रोफेसरों ने ठोका मुकदमा, जानें क्यों मचा है बवाल

Published On: April 15, 2025
Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Harvard University: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और देश की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच तलवारें खिंच गई हैं! ट्रंप प्रशासन द्वारा यूनिवर्सिटी की करीब 9 अरब डॉलर (लगभग 75 हजार करोड़ रुपये) की भारी-भरकम फंडिंग रोकने की धमकी दिए जाने के बाद अब हार्वर्ड के प्रोफेसरों ने सीधे ट्रंप के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी पर यहूदी छात्रों और प्रोफेसरों के खिलाफ होने वाले भेदभाव और नफरत को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। प्रशासन ने यूनिवर्सिटी को एक चिट्ठी भेजकर कुछ शर्तें पूरी करने को कहा था, और ऐसा न करने पर रिसर्च, स्टूडेंट स्कॉलरशिप और साइंस प्रोजेक्ट्स के लिए मिलने वाली महत्वपूर्ण फेडरल फंडिंग रोकने की चेतावनी दी थी।

प्रोफेसरों ने क्यों किया केस?

ट्रंप की इस धमकी से हार्वर्ड के प्रोफेसरों में भारी नाराजगी है। प्रोफेसरों के दो समूहों ने मैसाचुसेट्स की फेडरल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया है। उनका तर्क है कि ट्रंप प्रशासन का यह कदम बदले की कार्रवाई है और यह अमेरिकी संविधान के पहले संशोधन (First Amendment) का उल्लंघन है, जो ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ (Freedom of Speech) की गारंटी देता है। प्रोफेसरों का मानना है कि यह फंडिंग रोकने की धमकी यूनिवर्सिटी में होने वाले विरोध प्रदर्शनों (जैसे पिछले साल गाजा पर इजरायली हमले के खिलाफ हुए प्रदर्शन, जिसमें फिलिस्तीनी झंडा फहराया गया था) और प्रशासन की आलोचना को दबाने की कोशिश है। उन्होंने अदालत से ट्रंप प्रशासन के फैसले पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है।

READ ALSO  Tariffs: विनिर्माण हब बनेगा भारत, बड़े स्तर पर वैश्विक कंपनियां आएंगी; अमेरिकी टैरिफ देश के लिए आपदा में अवसर

असली वजह क्या? यहूदी विरोध या कुछ और?

हालांकि ट्रंप प्रशासन फंडिंग रोकने की वजह यहूदी-विरोध रोकने में हार्वर्ड की नाकामी बता रहा है, लेकिन प्रोफेसरों का मुकदमा इस मामले को अभिव्यक्ति की आजादी और राजनीतिक दबाव से जोड़ रहा है। पिछले साल गाजा युद्ध के दौरान अमेरिकी विश्वविद्यालयों में इजराइल विरोधी और फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन हुए थे, हार्वर्ड भी उनमें से एक था। कई लोगों का मानना है कि फंडिंग रोकने की धमकी इन्हीं प्रदर्शनों और यूनिवर्सिटी के स्वतंत्र माहौल को नियंत्रित करने का प्रयास हो सकता है।

यह मामला अब अदालत में है और देखना होगा कि क्या कोर्ट प्रोफेसरों की दलीलों से सहमत होकर ट्रंप प्रशासन के कदम पर रोक लगाता है या नहीं। यह लड़ाई सिर्फ फंडिंग की नहीं, बल्कि अमेरिका में अकादमिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी के भविष्य पर भी असर डाल सकती है।


Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Related Posts

क्या इमरान खान की जेल में हत्या हो गई? अफवाहों से पाकिस्तान में हड़कंप, सच्चाई क्या है?

क्या इमरान खान की जेल में हत्या हो गई? अफवाहों से पाकिस्तान में हड़कंप, सच्चाई क्या है?

May 10, 2025
भारत का मान बढ़ा! श्रीमद्भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र UNESCO की 'मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड' सूची में शामिल, PM मोदी बोले- 'हर भारतीय के लिए गर्व का पल'

Bhagavad Gita: भारत का मान बढ़ा! श्रीमद्भगवद्गीता और नाट्यशास्त्र UNESCO की ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड’ सूची में शामिल, PM मोदी बोले- ‘हर भारतीय के लिए गर्व का पल

April 18, 2025

India-China Trade: चीन ने बरसाए वीज़ा! 3 महीने में 85 हज़ार+ भारतीय खुश, पाक एक्सपर्ट बोले- ‘बधाई इंडियंस, अब ड्रैगन का भी भारत बिना…’

April 14, 2025

Electronics Tariff Exemption: क्या महंगे होंगे स्मार्टफोन और कंप्यूटर? अमेरिकी अधिकारी का बड़ा बयान – टैरिफ छूट बस कुछ समय के लिए!

April 14, 2025

Tariffs: विनिर्माण हब बनेगा भारत, बड़े स्तर पर वैश्विक कंपनियां आएंगी; अमेरिकी टैरिफ देश के लिए आपदा में अवसर

April 5, 2025

PM Modi Meet Muhammad Yunus: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की

April 4, 2025