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Join NowRam Asrey Lucknow: अगर आप मीठे के शौकीन हैं और लखनऊ की गलियों में घूम रहे हैं, तो आपकी ये तलाश हजरतगंज की नवल किशोर रोड पर आकर खत्म हो जानी चाहिए। यहाँ स्थित है “राम आसरे”, जो सिर्फ एक मिठाई की दुकान नहीं, बल्कि 215 साल से भी ज्यादा पुरानी एक जीती-जागती ऐतिहासिक धरोहर है। यह वो जगह है जिसे मीठे की जन्नत कहा जाता है, जहाँ पारंपरिक भारतीय मिठाइयों को आज भी उसी कला और प्यार से बनाया जाता है, जैसे सदियों पहले बनाया जाता था।
यह दुकान 1805 में स्थापित हुई थी और तब से लेकर आज तक इसकी मिठाइयों का जादू लखनऊ वालों के सिर चढ़कर बोलता है। यहाँ कदम रखते ही आपको देसी घी, केसर और इलायची की जो महक आती है, वो आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाती है।
मलाई पान: वो शाही धोखा जो आपका दिल जीत लेगा
राम आसरे की सबसे अनूठी और प्रसिद्ध पेशकश है उनका मलाई पान। पहली नज़र में यह बिल्कुल एक सजे-धजे पान जैसा दिखता है, लेकिन यह पान नहीं, बल्कि एक मिठाई है। मुलायम और ताज़ी मलाई को पान के पत्ते का आकार दिया जाता है और इसके अंदर भरे होते हैं बारीक कटे हुए मेवे, गुलकंद और मिश्री। जैसे ही आप इसे मुँह में रखते हैं, यह मक्खन की तरह घुल जाता है और आपके मुँह में स्वाद का एक ऐसा तूफान आता है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। यह मिठाई कला का एक बेजोड़ नमूना है और यहाँ आने वाले हर शख्स की पहली पसंद होती है।
छेना और रसगुल्ले: असली बंगाली स्वाद का पता
अगर आप असली छेने की मिठाई के पारखी हैं, तो राम आसरे आपको कभी निराश नहीं करेगा। यहाँ के छेना मिठाई और रसगुल्ले इतने ताज़े, नरम और स्पंजी होते हैं कि वे सीधे आपके दिल में उतर जाते हैं। चाशनी की मिठास बिल्कुल सटीक होती है – न बहुत ज़्यादा, न बहुत कम। इन्हें खाकर आपको पता चलता है कि ताज़े छेने का असली स्वाद क्या होता है।
नकुल: वो मिठाई जिसके बारे में आपने शायद ही सुना हो
यहाँ की एक और ख़ासियत है “नकुल”—यानी मीठी चना दाल। यह एक ऐसी पारंपरिक मिठाई है जो अब बहुत कम जगहों पर मिलती है। यह दिखने में बिल्कुल साधारण है, लेकिन इसका स्वाद असाधारण है। हल्की मीठी और कुरकुरी चना दाल, जिसे आप जब चाहें खा सकते हैं। यह राम आसरे की उन “undiscovered” यानी छिपी हुई पेशकशों में से एक है जिसे आपको ज़रूर आज़माना चाहिए।
मलाई और मेवों से लबालब एक गिलास लस्सी!
मिठाइयों के इस सफर के बाद, अगर आप कुछ ठंडा और ताज़गी भरा पीना चाहते हैं, तो यहाँ की लस्सी को नज़रअंदाज़ करने की गलती न करें। गाढ़ी, मलाईदार दही से बनी यह लस्सी एक मिट्टी के कुल्हड़ में परोसी जाती है। इसके ऊपर डाली जाती है एक मोटी मलाई की परत और उसे सजाया जाता है ढेर सारे पिस्ता, बादाम और केसर से। यह इतनी गाढ़ी और स्वादिष्ट होती है कि इसे पीने के बाद आपका पेट और मन, दोनों तृप्त हो जाएंगे।
राम आसरे सिर्फ एक मिठाई की दुकान नहीं, यह लखनऊ की वो शान है जहाँ पीढ़ियों की विरासत और स्वाद आज भी ज़िंदा है। अगर आप लखनऊ में हैं, तो इस ऐतिहासिक जगह पर जाकर मीठे के इस सागर में गोता लगाना न भूलें।