Bareilly News: बरेली पुलिस का काला चेहरा, चौकी बनी वसूली अड्डा, रबर फैक्टरी का क्वार्टर बना निजी हवालात

Published On: April 5, 2025
Follow Us

Join WhatsApp

Join Now

Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली से पुलिस की शर्मनाक हरकत सामने आई है, जिसमें एक दरोगा और दो सिपाहियों ने किसान को अगवा कर जबरन पैसे वसूले। यह पूरा मामला बरेली के फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र का है, जहां कस्बा चौकी को भ्रष्टाचार और लूट का अड्डा बना दिया गया था। पुलिस ने अपने ही विभाग के इन दोषी अधिकारियों पर मामला दर्ज किया है।


चौकी बनी अवैध वसूली का अड्डा

फतेहगंज पश्चिमी थाने की कस्बा चौकी का चार्ज मिलने के बाद दरोगा बलवीर सिंह, सिपाही हिमांशु तोमर और मोहित कुमार ने अपनी मनमानी शुरू कर दी थी। पुलिस चौकी को पूरी तरह से अवैध वसूली का केंद्र बना दिया गया। यह चौकी पहले से ही स्मैक तस्करी और भ्रष्टाचार के लिए बदनाम थी।

  • कैसे होती थी अवैध वसूली?

    1. पुलिस निर्दोष लोगों को उठाकर रबर फैक्टरी के क्वार्टर में बंद कर देती थी।

    2. इसके बाद उन्हें झूठे केस में फंसाने की धमकी दी जाती थी।

    3. सौदेबाजी के जरिए हजारों से लाखों तक की रिश्वत वसूली जाती थी।

    4. किसी भी तरह की कानूनी प्रक्रिया नहीं अपनाई जाती थी, न तो कोई लिखित रिकॉर्ड होता था और न ही कोई गिरफ्तारी पत्र बनाया जाता था।

एसआई बलवीर सिंह की यह करतूत इतनी बढ़ गई थी कि इंस्पेक्टर प्रदीप चतुर्वेदी भी इन्हें रोक नहीं पा रहे थे। यही कारण था कि एसएसपी अनुराग आर्य ने थाने का चार्ज प्रशिक्षु आईपीएस मेविस टॉक को सौंप दिया था।


किसान से वसूली का पूरा मामला

फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के भिटौरा गांव के किसान बलवीर सिंह के साथ जो हुआ, उसने पुलिस की असलियत सबके सामने ला दी।

  • कैसे हुई वसूली?

    • 6 अप्रैल दोपहर 1:30 बजे पुलिस दरोगा बलवीर सिंह और दो सिपाही बलवीर सिंह के घर में घुस आए

    • बिना किसी वारंट के पूरे घर की तलाशी ली और सामान बिखेर दिया।

    • किसान और उनके बेटे को जबरन तमंचा रखकर वीडियो रिकॉर्ड किया, ताकि बाद में इसे सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया जा सके।

    • धमकी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो स्मैक तस्करी के झूठे केस में फंसा देंगे

    • पहले तीन लाख रुपये मांगे, बाद में दो लाख रुपये लेकर भी किसान को नहीं छोड़ा

READ ALSO  UPPCL:यूपी में दिन-रात का अलग-अलग बिजली टैरिफ: 2027-28 तक नहीं होगा लागू

जब पुलिस ने किसान को छोड़ने से मना कर दिया, तो परिजनों ने आईजी डॉ. राकेश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य से संपर्क किया।


कैसे हुआ पुलिसिया खेल का पर्दाफाश?

  • शिकायत के बाद सीओ हाईवे नीलेश मिश्रा तुरंत मौके पर पहुंचे।

  • चौकी प्रभारी और दोनों सिपाही भाग खड़े हुए

  • पुलिस की गिरफ्त से किसान बलवीर सिंह को मुक्त कराया गया

  • सीओ की रिपोर्ट के आधार पर तीनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर दी गई


एसएसपी ने क्या कार्रवाई की?

एसएसपी अनुराग आर्य ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए तीनों दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इसके अलावा चौकी में तैनात अन्य सिपाहियों की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी गई है।

क्या आगे होगा?

  1. तीनों दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी गई है

  2. चौकी की पूरी कार्यप्रणाली की समीक्षा की जाएगी

  3. फतेहगंज पश्चिमी थाने की चौकी पर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए नए नियम बनाए जाएंगे


पुलिस पर पहले भी लगते रहे हैं आरोप

  • यह पहली बार नहीं है जब बरेली पुलिस पर गंभीर आरोप लगे हैं।

  • इससे पहले भी फतेहगंज पश्चिमी थाने के कई पुलिसकर्मी भ्रष्टाचार में फंस चुके हैं

  • कई बार स्मैक तस्करी और जबरन वसूली के मामलों में पुलिसकर्मी संलिप्त पाए गए हैं।

  • लेकिन हर बार मामला दबा दिया जाता था।

इस बार किसान ने हिम्मत दिखाकर शिकायत कर दी, जिससे यह मामला सामने आ गया।

बरेली पुलिस का यह घिनौना चेहरा दिखाता है कि किस तरह आम जनता से रक्षक ही भक्षक बन रहे हैं। चौकी प्रभारी और सिपाही अपनी वर्दी का गैरकानूनी फायदा उठाकर निर्दोष लोगों को डराने-धमकाने का काम कर रहे थे। लेकिन इस बार कानून ने अपना काम किया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की गई। अब देखना यह होगा कि क्या दोषियों को सजा मिलेगी या फिर मामला दबा दिया जाएगा?

READ ALSO  UP Weather Rain alert : यूपी सावधान! अगले 3 दिन आंधी-तूफान और झमाझम बारिश का अलर्ट, IMD ने इन जिलों को चेताया

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now