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नहीं चमक रही आपकी किस्मत, जानिए कब होगा आपका भाग्योदय

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नहीं चमक रही आपकी किस्मत, जानिए कब होगा आपका भाग्योदय

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डेस्क। हर कोई आज के समय में ज्योतिष या किसी अन्य माध्यम से जानना चाहते हैं कि उनके किस्मत का भाग्योदय कब होगा? उनकी किस्मत कब चमकेगी या फिर उनका बुरा समय कब तक रहेगा? हर कोई यह जानना चाहता है कि उनके जीवन में आर्थिक संकट कब दूर होंगे वहीं कई बार लोग असफलता को फूटी किस्मत से जोड़कर देखने लगते हैं। तो आइए जानते हैं ज्योतिष शास्त्र इस बारे में क्या कहता है।

आपको बता दें ज्योतिष शास्त्र में एक प्राचीन पुस्तक जिसका नाम भृगु संहिता है। उसके अनुसार व्यक्ति अपने जीवन के भाग्योदय को आराम से जान सकता है। ज्योतिष के अनुसार कुंडली का प्रथम भाव ही हमारे जीवन की दिशा और दशा को निर्धारित भी करता है। इस प्रथम भाव को लग्न भाव कहा जाता है, वहीं अगर आप अपना लग्न जान गए तो अपना भाग्योदय का समय भी जान आराम से जान जाएंगे।

मेष लग्न: मेष लग्न के जातकों का 16 आयु की वर्ष में भाग्योदय होना शुरु होता है। यदि किसी कारण 16 वर्ष की आयु में भाग्योदय नहीं होता है तो 22 वर्ष, 28 वर्ष, 32 वर्ष और 36 वर्ष में भाग्योदय होने की संभावना होती है।

वृषभ लग्न: जिन जातकों की वृषभ लग्न है उनकी कुंडली होती है में भाग्योदय 25 वर्ष की आयु में होता है। यदि किसी कारण 25 वर्ष की आयु में भाग्योदय नहीं हो पाता है तो 28 वर्ष, 36 वर्ष और 42 वर्ष भी सौभाग्यशाली बताए गए है।

मिथुन लग्न: अगर आपका मिथुन लग्न है तो आपका भाग्योदय 22 वर्ष की उम्र में ही हो जाता है, अधिक से अधिक 42 वर्ष की आयु में भाग्योदय होने की सम्भावना है। इसके साथ ही सौभाग्यशाली उम्र है 32 वर्ष, 33वर्ष और 36वर्ष है।

कर्क लग्न: अगर किसी व्यक्ति की कुंडली कर्क लग्न की है तो जातक का भाग्य 16 वर्ष की उम्र में चमकने लगता है। वहीं इसके अलावा 22 वर्ष से लेकर 25 वर्ष की उम्र भाग्यशाली मानी गई है। इसके बाद 28 वर्ष या 32 वर्ष की आयु भी भाग्यशाली बताई जाती है।

सिंह लग्न: सिंह लग्न वाले जातकों का भाग्य 16 वर्ष की आयु में होने लग जाता है। फिर इसके बाद उनके किस्मत के सितारे चमकने लगते हैं और 22 वर्ष, 24 वर्ष, 26 वर्ष या फिर 28 वर्ष की आयु में व्यक्ति का भाग्योदय भी होता है।

कन्या लग्न: कन्या लग्न के जातकों का भाग्य उदय 16 वर्ष की उम्र में होने लग जाता है वहीं अगर किसी कारणवश नहीं हुआ तो 22 वर्ष, 25 वर्ष, 32 वर्ष, 33 वर्ष, 35 वर्ष या 36 वर्ष की उम्र में ये होने लगता है।

तुला लग्न: इस लग्न की कुंडली में भाग्य विलंब से उदय होता ही है। जहां 24 वर्ष की आयु में भाग्योदय होता है लेकिन किन्ही कारणवश नहीं हुआ तो 25 वर्ष की आयु में संकेत प्राप्त होते हैं। इनके लिए 32 वर्ष, 33 वर्ष या 35 वर्ष इनके लिए शुभ होता है।

वृश्चिक लग्न: इस लग्न के लोगों का भी भाग्योदय काफी देरी से होता है। 22 वर्ष की आयु में संकेत तो मिलते हैं पर ज्यादातर 24 वर्ष की आयु के बाद ही इनको भाग्य का साथ मिलता है। वहीं इसके बाद 28 वर्ष या फिर 32 वर्ष की आयु में भाग्योदय होने की संभावना रहता ही है।

धनु लग्न: जन्म कुंडली में धुन लग्न है तो 16 वर्ष की आयु में भाग्योदय जो जाता है। इसके बाद 22 वर्ष या फिर 32 वर्ष के आयु में भाग्योदय रहता है।

मकर लग्न: मकर लग्न के जातकों का भाग्योदय 25 वर्ष की आयु में शुरू होता है, इसके बाद 33 वर्ष, 35 वर्ष या फिर 36 वर्ष की आयु में उनके लिए अच्छी संभावना भी रहती है।