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Uttarakhand Tunnel Collapse: विदेशी तकनीकी फेल, क्या अब सेना निकाल पाएगी मजदूरों को

Uttarakhand Tunnel Collapse: दो हफ्ते से अधिक का समय हो गया है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हुए सुरंग हादसे में अभी 41 मजदूर फसे हैं। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। टनल के भीतर की स्थिति बेहद खराब है वहां न तो रोशनी है, न ऑक्सीजन, न खुली हुआ। मजदूरों को लगातार हिम्मत बंधवाने का काम किया जा रहा है। अब मजदूरों को टनल से बाहर निकालने के लिए सेना को बुलाया गया है। बताया जा रहा है सेना मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए रेस्क्यू आपरेशन करेगी और टनल ने मजदूरों को बाहर निकालेगी।

स्थिति दिन प्रतिदिन बिगडती जा रही है। परिजनों को संत्वना दी जा रही है कि जल्द ही टनल में फसे मजदूर बाहर आएंगे। विदेशी मशीनों के फेल होने के बाद अब सभी की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। रेस्क्यू आपरेशन पर सवाल उठ रहे हैं। मजदूरों को अब बाहर निकालने का जिम्मा सेना ने संभाला है। लेकिन अब भी एक सवाल जो लगातार लोगों को परेशान कर रहा है कि मजदूरों को टनल से बाहर निकालने में इतनी लापरवाही क्यों –

कैसे मजदूर निकलेंगे बाहर:

भारतीय सेना मैनुअल ड्रिलिंग के जरिए रास्ता बनाने का काम करेगी। मैनुअल ड्रिलिंग से पहले ऑगर मशीन के फंसे हुए शाफ्ट और ब्लेड्स को निकालना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो पाइपलाइन के टूटने की संभावना है। बताया जा रहा है कि आज देर रात या कल सुबह तक ऑगर का फसा हुआ हिस्सा काट के पाइप से बाहर निकाल लिया जाएगा। यह पार्ट उस मशीन का है जिसे मजदूरों को टनल से बाहर निकालने के लिए लाया गया है। मशीन का कुछ हिस्सा टूटने से समस्या बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि सेना के जवान साथ में कुछ मशीनें लेकर आए हैं। उनका प्रयास जल्द से जल्द 41 मजदूरों को टनल से बाहर निकालना और उनकी मदद करना है। सेना मैनुअल ड्रिलिंग के जरिये सुरंग से मजदूरों को निकालने का प्रयास कर रही है। हालाकि अभी इस काम में और कितना वक्त लगेगा इसे कहना संभव नहीं है।

बता दें 12 नवंबर, सुबह 5.30 बजे यही वो वक्त था जब सिल्क्यारा टनल ढह गई थी और 41 मजदूर सुरंग में दब गए। मजदूरों को टनल से निकालने के लिए पुलिस, प्रशासन, NDRF, SDRF, ITBP, रेल विकास निगम लिमिटेड, ONGC, भारतीय वायु सेना, भारतीय सेना, BRO, NHAI, टेहरी जल विद्युत विकास निगम और सुरंग निर्माण के कई एक्सपर्ट इस मिशन में जुटे हैं। लेकिन सभी के प्रयास विफल हो रहे हैं जो सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रही है।

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