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पृथ्वी से इतना दूर है हीरे का ये यह ग्रह

डेस्क। पृथ्वी पर मौजूद सबसे महंगी चीजों की जब भी बात होती है तो उसमें हीरा जरूर होता है। वही। धरती पर ऐसे ऐसे हीरे मौजूद हैं जिनकी कीमत का अंदाजा आप लगा भी नहीं सकते और कोहिनूर उसी का ही एक उदाहरण है।

पर आज हम आपको पृथ्वी पर मौजूद किसी हीरे के बारे में नहीं बताने वाले, बल्कि एक ऐसे ग्रह के बारे में बताने वाले हैं, जो खुद पूरा का पूरा हीरे से बना हुआ है। यानी इसकी हर एक परत हीरे की बनी हुई है। सोचिए अगर धरती के वैज्ञानिक भविष्य में यहां कोई अंतरिक्षयान भेजने में कामयाब हो गए तो धरती पर भी हर इंसान के पास हीरा ही हीरा होगा तो चलिए आज इस आर्टिकल में आपको हम इस ग्रह से जुड़ी सभी जानकारियां दे देते हैं।

पृथ्वी से कितनी दूर है हीरे वाला ये ग्रह?

हम जिस ग्रह की बात कर रहे हैं उसका आधिकारिक नाम 55Cancri E है और इसे वैज्ञानिकों ने साल 2004 में खोजा था। तब से ही दुनियाभर की तमाम स्पेस एजेंसियों की नजर इस ग्रह पर बनी हुई है।
आपको बता दें, वैज्ञानिकों ने इस ग्रह की खोज रेडियल वेलोसिटी के जरिए की थी और इसके बारे में सबसे खास बात ये है कि यह ग्रह किसी सूरज का नहीं बल्कि ऐसो तारों का चक्कर लगाता है जिनका कार्बन अनुपात ज्यादा होता है और यही वजह है कि इस ग्रह को कुछ लोग एक्सो प्लैनेट भी बोलते हैं।

हीरे का कैसे बन गया ये पूरा ग्रह?

किसी भी आम इंसान के लिए ये एक बड़ा सवाल है। हीरे का प्राकृतिक रूप से निर्माण तभी होता है, जब कार्बन बहुत अधिक तापमान पर गर्म हो जाए और इस ग्रह के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। दरअसल, इस ग्रह पर भी कार्बन का अनुपात ज्यादा है और यह जिन तारों का चक्कर लगाता है उन पर भी कार्बन का अनुपात ज्यादा है और ऐसे में जब ये ग्रह कार्बन के तारों का चक्कर लगाते हैं तो कई बार इनका तापमान इतना ज्यादा हो जाता है कि इन पर मौजूद ग्रेफाइट हीरे में ही बदल जाता है।

बहुत तेजी से बीतता है वक्त

इस ग्रह के बारे में एक बात और बहुत खास है कि यहां समय बहुत तेजी से बीतता है और यहां मात्र 18 घंटे में एक साल पूरा हो जाता है. जबकि इस ग्रह के तापमान की बात करें तो ये 2000 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा होता है तो वहीं पृथ्वी से इसकी दूरी की बात करें तो ये धरती से 40 प्रकाश वर्ष दूर है। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो और अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की इस ग्रह पर नजर बनी ही रहती है।

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