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भारत के ये खूबसूरत स्थान जहां जाने पर रोक 

 

 

 

डेस्क। भारत अपने विश्व प्रसिद्ध स्थलों, अद्वितीय सुंदरता और विशाल स्थानों के लिए जाना जाता है। जब यात्रा की बात होती है, तो भारत में घूमने के लिए बहुत कुछ बना हुआ है। यहां के पर्यटन स्थलों की खूबसूरती पर्यटकों को बेहद आकर्षित भी करती है।

 आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सभी पर्यटन स्थल जनता के लिए खुले नहीं हैं। अविश्वसनीय रूप से सुंदर होने के बावजूद भी इन स्थानों के बारे में ऐसा क्या है कि लोगों के यहां जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। यहां हम आपको भारत के प्रसिद्ध स्थानों के बारे में बता रहे हैं, लद्दाख से लेकर मुंबई और सिक्किम तक, जहां आप चाहकर भी कभी नहीं जा सकते।

अगर आप ये जाते हैं, तो आप खुद को परेशानी में डाल सकते हैं वहीं एडवेंचर के शौकीनों के लिए अक्साई चीन किसी जन्नत से कम नहीं है। फिलहाल तो यहां जाने पर पाबंदी है क्योंकि यह झील कई विवादों से घिरी हुई है। भारतीयों का ये कहना है कि यह जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र का हिस्सा है। जबकि असल में यह LAC का भी हिस्सा है। धरती पर मौजूद यह जगह एक ठंडा रेगिस्तान है जिसे आज भी सैलानियों के आने का इंतजार लगा रहता है।

भारत में कई पर्वतारोही दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा पर चढ़ने का सपना देखते हैं पर धार्मिक कारणों से यहां जाना मना है। सिक्किम सरकार ने 2001 में पूजा स्थल अधिनियम, 1991 के प्रावधानों के तहत कंचनजंगा के अभियानों पर प्रतिबंध लगा रखा है। ऐसा बताया जाता है कि भगवान पहाड़ की चोटी पर रहते हैं और लोग यहां चढ़ाई करके इसे प्रदूषित कर सकते हैं। इसलिए यह दो दशक से बंद भी है।

दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में से एक, चोलामू झील अभी भी पर्यटकों के लिए बंद है और इसे त्सो ल्हामो झील के नाम से भी जाना जाता है। बता दें यह तिब्बत सीमा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। साथ ही यहां की चोलमू झील के दर्शन करने के लिए सिर्फ सेना और सिक्किम पुलिस या प्रशासन को ही इजाजत मिली हुई है।

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इसमें कोई शक नहीं है कि अंडमान और निकोबार द्वीप भारत में घूमने के लिए सबसे खूबसूरत जगहों में से है। पर्यटक यहां पर भी नहीं जा सकते। आपको बता दें कि यह भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी भी है। 1991 में, बैरेन द्वीप में एक बड़ा विस्फोट हुआ, जिसने क्षेत्र के सभी जीवों को नष्ट कर दिया था। इसके साथ ही पक्षियों की प्रजातियों और आबादी में भी कमी देखी गई है। अगर आप द्वीप को देखना चाहते हैं, तो आप इसे दूर से नाव में बैठकर भी देख सकते हैं।मूल संस्कृति और निवासियों को सुरक्षित रखने के लिए इस द्वीप पर प्रतिबंध है। निकोबार द्वीप समूह में रहने वाली जनजातियां किसी भी विकास का हिस्सा नहीं बनना चाहती थीं और उनकी भावनाओं का सम्मान करने और उन्हें सुरक्षित रखने के लिए, भारत सरकार ने निकोबार द्वीप में पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाय हुआ है।

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