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पीएम का हिरोशिमा जाना इस वजह से बेहद खास 

 

डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (19 मई, 2023) को जी-7 देशों के सम्मेलन में शामिल होने के लिए जापान के तीन दिवसीय दौरे पर जाने वाले हैं। जी-7 सम्मलेन का आयोजन हिरोशिमा में किया जा रहा है। वहीं पीएम मोदी 1974 के पोखरण न्यूक्लियर टेस्ट के बाद पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जो हिरोशिमा का दौरा करने वाले हैं। 

उनसे पहले 1957 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने हिरोशिमा की यात्रा करी थी, बता दें हिरोशिमा 1945 में परमाणु हमले का गवाह रहा है।

हिरोशिमा में पीएम मोदी की उपस्थिति इसलिए भी खास है क्योंकि भारत उन कुछ चुनिंदा देशों में है, जिसने परमाणु अप्रसार संधि (Nuclear Non-Proliferation Treaty, NPT) पर हस्ताक्षर नहीं करे थे। प्रधानमंत्री इस दौरान, परमाणु हादसे में जान गंवाने वालों और पीड़ितों को समर्पित पीस मेमोरियल पार्क भी जाने वाले हैं।

सूत्रों ने यह भी कहा है कि भारत के न्यूक्लियर टेस्ट और एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं करने को लेकर वह जापान के लोगों और खासकर हिरोशिमा की संवेदनशीलता से पूरी तरह से अगवगत भी है। 

सूत्रों ने यह बताया है कि इस दौरान, टोक्यो परमाणु हमले के पीड़ित परिवारों के साथ जी-7 नेताओं की बैठक भी कर सकता है। ऐसे में दिल्ली इस बात पर जोर देने वाला है कि वह एनपीटी को भेदभावपूर्ण मानता है और उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए भी है।

विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी-7 समूह और क्वाड सहित तीन प्रमुख बहुपक्षीय शिखर सम्मेलनों में भाग लेने के लिए शुक्रवार को जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की छह दिवसीय यात्रा पर भी जाने वाले हैं। यात्रा के पहले चरण में वह 19 मई से 21 मई तक हिरोशिमा का दौरा करेंगे और यहां वह जी-7 के वार्षिक शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे।

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