डेस्क। साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि जो ऐप्स स्मार्टफोन या लैपटॉप को वायरलेस ईयरप्लग से कनेक्ट करने की अुनमति भी देते हैं और बातचीत को रिकॉर्ड भी कर सकते है।
वहीं इतना ही नहीं वह उनके डिवाइस को हैक भी कर सकते हैं साथ ही कुछ ऐप डेवलपर्स का यह भी कहना है कि हैकर्स ब्लूटूथ तक एक्सेस देने वाले किसी भी ऐप के जरिए यूजर्स की बातचीत और iOS कीबोर्ड डिक्टेशन फीचर से ऑडियो रिकॉर्ड करने की अनुमति देता है।
एक्सपर्ट्स का यह कहना है कि ब्लूबगिंग नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से एक हैकर इन ऐप्स और डिवाइसों तक अनधिकृत एक्सेस प्राप्त भी कर सकते हैं और उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार कंट्रोल भी करने में सक्षम हैं।
बता दें हाल ही में एक्सपर्ट्स ने पाया कि कोई भी ऐप जो ब्लूटूथ का उपयोग करती है, सिरी, फोन पर बातचीत और टेक्स्ट मैसेज जैसा आपका डेटा रिकॉर्ड कर सकने में सक्षम है।
क्या होती है ब्लूबगिंग ?
ब्लूबगिंग हैकिंग का एक ही रूप होता है इसके जरिए हैकर्स सर्च ब्लूटूथ कनेक्शन के माध्यम से यूजर के डेटा का एक्सेस हासिल कर सकते हैं। वहीं एक बार जब हैकर्स आपके डिवाइस को हैक कर देता है, तो वह आपके फोन पर होने वाली सभी बातचीत को सुन भी सकता है और इतना ही नहीं हैकर्स आपके टेक्स्ट मैसेज भी पढ़ सकता है और उन्हें आराम से भेज भी सकता है।
ब्लूबगिंग शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले 2004 में एक जर्मन शोधकर्ता मार्टिन हर्फर्ट ने उस समय किया था जब उन्होंने यह देखा कि हैकर्स ने ब्लूटूथ से लैस लैपटॉप को हैक कर दिया था।
ब्लूबगिंग से आपका डिवाइस कैसे हो जाता है हैक ?
अगर आपका डिवाइस हैकर के लगभग 10 मीटर के दायरे में हैं, तो वह उसे आसानी से हैक कर लेता है। वहीं हैकर्स आपके डिवाइस के साथ पेयरिंग करने के बाद उसमें मैलवेयर इंस्टॉल कर देता है और आपके डिवाइस की सिक्योरिटी को भी डिसएबल कर देता है इसके बाद हैकर्स आसानी से आपके डेटा को हासिल कर सकता है।