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अब ट्रेन से नहीं काटेंगे जानवर, रेलवे ने ढूंढा उपाय 

 

 

डेस्क। पश्चिम रेलवे (डब्ल्यूआर) ने यह कहा कि वह अगले साल मई तक मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर बाड़ लगाने की तैयारी में हैं ताकि जानवरों को पटरियों पर भटकने से रोका जा सके और ट्रेन से कुचलने से भी उन्हें बचाया जा सके।

वहीं पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्रा ने शुक्रवार को यहां चर्चगेट स्थित रेलवे जोन के मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह कहा है कि 620 किलोमीटर लंबे मार्ग पर बाड़ के निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित भी की गई हैं, जिस पर 264 करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद लगाई जा रही है।

इसी के साथ गुजरात के गांधीनगर और देश की आर्थिक राजधानी के बीच 30 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना की गई तीसरी सेमी हाई-स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस अब तक चार बार मवेशियों से भी टकरा चुकी है।

वहीं एक ताजा घटना में गुजरात के उदवाड़ा और वापी स्टेशनों के बीच हुई। पश्चिम रेलवे के अधिकारियों की माने तो, स्टेनलेस स्टील की बाड़ जमीन से 1.5 मीटर की ऊंचाई पर “डब्ल्यू-बीम” की संरचना भी होगी।

इसी के साथ मिश्रा ने यह बताया कि हम इसे (डब्ल्यू-बीम) 1.5 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित करने जा रहे हैं। इसका फायदा यह है कि लोग इसे पार कर सकते हैं लेकिन जानवर नहीं कर पाएंगे 

उन्होंने यह भी कहा कि रेल कर्मचारियों के साथ-साथ रेलवे सुरक्षा बल के कर्मी इस समस्या (ट्रेनों के रास्ते में भटके हुए मवेशियों की) को दूर करने के लिए लोगों से बात करने के लिए पटरियों के किनारे गांवों का दौरा भी कर रहे हैं। मिश्रा ने यह कहा कि यह डिजाइन ये सुनिश्चित भी करता है कि इस तरह के क्रैश के बाद जानवर रेक के निचले हिस्से में कभी न उलझें।

पश्चिम रेलवे के एक मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि वंदे भारत सेवा औसतन 130 प्रतिशत यात्रियों के साथ चल रही है और यात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय भी हो चुकी है।

वहीं डब्ल्यूआर के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि 2022-23 में दैनिक औसत यात्रियों की संख्या 25.68 लाख (अब तक) की थी, जबकि 2021-22 में यह 15.12 लाख थी, 2020-21 में 7.72 लाख (दोनों कोरोनोवायरस प्रभावित वर्ष), 34.87 लाख 2019 में वहीं 2018-19 में 35.44 लाख की थी।

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