डेस्क। आज के AI युग में हमारे डिवाइसेज भी स्मार्ट हो गए हैं। टेक्नोलॉजी की वजह से हमारी लाइफ तो आसान हो गई है लेकिन इसकी वजह से हमारी प्राइवेसी भी खत्म होती जा रही है। आपको बता दें कि आजकल लगभग सभी लोग स्मार्टफोन और इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं।
साथ ही आपको बता दें कि स्मार्टफोन में कई सेटिंग्स और ऐप्स होती हैं। ये ऐप्स आपसे कई तरह की परमिशन मांगते हैं। हम बिना सोचे समझे उन्हें परमिशन दे देते हैं। कैमरे से लेकर माइक तक की परमिशन देते वक्त हम ये नहीं सोचते हैं कि डिवाइस इनका आखिर इस्तेमाल कब-कब करेगा।
गूगल वॉयस असिस्टेंट के लिए माइक्रोफोन की परमिशन देनी होती है और इससे गूगल हमारे कमांड्स को सुनकर काम करता है। इसी तरह से जब स्मार्टफोन्स में वॉयस टू स्पीच फीचर यूज करते हैं तो भी माइक्रोफोन की परमिशन आपको देनी पड़ती है। लेकिन क्या आपको पता है कि वॉयस कमांड पर काम करने वाले ऑल्वेज ऑन डिवाइसेस के साथ एक बड़ी समस्या होती है और ये डिवाइस माइक्रोफोन का इस्तेमाल हमारी बातों को सुनने के लिए भी करते हैं। जैसे कि Alexa तब ही काम करता है, जब आप उसका नाम लेकर उसे कोई कमांड दे हैं। इसका ये भी मतलब है कि ये डिवाइस हमारी सभी बातों को सुनता है।
इसके साथ ही बता दें कि कई बार फेसबुक भी यूजर्स से माइक्रोफोन का एक्सेस आपसे मांगता है। यह वीडियो चैटिंग और टेक्स्ट टू स्पीच के लिए माइक्रोफोन का एक्सेस भी मांगता है। हालांकि हम इसकी परमिशन को अलाउ करने से पहले कभी ये नहीं सोचते कि ये हमारी पर्सनल बातों को भी सुन सकता है।
अगर आप एंड्रॉयड डिवाइस यूज करते हैं तो सबसे पहले आपको फोन की सेटिंग में जाना है। यहां आपको सिक्योरिटी और प्राइवेसी के ऑप्शन पर भीं जाना होगा। यहां क्लिक करने पर आपको प्राइवेसी का ऑप्शन मिलेगा और इस पर क्लिक कर दें। आपको माइक्रोफोन, कैमरा और दूसरे सेंसर की डिटेल्स मिलेगी अब यहां से आप जान सकते हैं कि किस ऐप को कौन सी परमिशन दी गई है। साथ ही आप माइक्रोफोन या किसी दूसरे सेंसर की परमिशन को किसी ऐप के लिए ब्लॉक या रिमूव भी कर सकते हैं।