डेस्क। रूस और भारत (Russia-India) के बीच दोस्ती काफी पुरानी और गहरी है। दोनों देश एक दूसरे के लगभग हर बुरे दौर से लेकर अच्छे दौर तक में साथ निभाते आएं हैं। रूस ने जब यूक्रेन पर हमला बोला तो संयुक्त राष्ट्र ने रूस के खिलाफ वोट करने के लिए कहा तो भारत (Russia-India) ने अपना स्टैंड भी साफ रखा।
ना तो वो रूस के खिलाफ गया और ना ही यूक्रेन के साथ पर भारत समय और हालात को देखते हुए आगे बढ़ता रहा और मौका मिलते ही रूस से दोस्ती निभाते हुए सस्ता तेल खरीदना भी शुरू कर दिया। लेकिन अब इस दोस्ती में दरार आती प्रतीत दिखाईं दे रही है। पश्चिमी देश रूस को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ‘ब्लैक लिस्ट’ में शामिल कर आर्थिक रूप से पूरी तरह अलग-थलग करने का प्रयास भी कर रहे हैं। रूस ने इसे लेकर भारत समेत अपने मित्र देशों से ‘धमकीभरे लहजे में’ मदद भी मांगी।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार रूस ने भारत समेत अन्य देशों को धमकी दी है कि अगर उन्होंने FATF की ब्लैक लिस्ट से बचने में उसकी मदद नहीं की तो वह डिफेंस और एनर्जी डील को रद्द कर देगा।
एफएटीएफ एक इंटर-गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन है जो ‘अनुचित धन’ से मुकाबला करने के लिए मानक तय करता है। साथ ही पश्चिमी देश एफएटीएफ पर रूस को ब्लैक या ग्रे लिस्ट में शामिल करने का दबाव बना रहे हैं।