डेस्क। भारतीय सेना ने अपने जवानों को चीनी भाषा (chinese language) मंदारिन सिखाने का फैसला लिया है। इस बात को ध्यान में रखते हुए सेना ने टेरिटोरियल आर्मी में मंदारिन भाषा विशेषज्ञों की भर्ती भी शुरू कर दी है। इसका मकसद है कि भारतीय सैनिक भी चीनी भाषा सीख सकें और पूर्वी लद्दाख में बॉर्डर पर जो भी सैनिक खड़े हैं, उन्हें ड्रैगन के बारे में जानकारी भी हो।
इसके साथ ही हमारे जवान आसानी से चीनी सैनिकों की भाषा भी समझ पाएं जिससे वह भी उनकी भाषा में जवाब दे पाएं।
आपको बता दें कि टेरिटोरियल आर्मी की स्थापना 1949 में हुई थी और इस वर्ष वह अपना 75वां स्थापना दिवस भी मना रहा है। इस साल 5 चीनी भाषा विशेषज्ञों की भर्ती भी टेरिटोरियल आर्मी ने करी है। बता दे इनको नियुक्त करने की प्रक्रिया जनवरी में शुरू हुई थी और कुछ महीने पहले ही ये पूरी हुई है। मंदारिन भाषा में विशेषज्ञ उम्मीदवारों को लिखित और मौखिक परीक्षा देनी होती है और इस परीक्षा में जो पास होते हैं, उन्हें चुन लिया जाता है। जिन पांच लोगों को चुना गया है उनकी औसत उम्र 30 वर्ष की है।
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स भी किए जाएंगे भर्ती
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सूत्रों ने एक मीडिया संस्थान को बताया है कि साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की नियुक्ति को अंतिम मंजूरी का इंतजार है, पर यह अंतिम चरण में है। एक अधिकारी ने यह बोला है कि कहा, “हमें इस महीने के अंत तक मंजूरी मिलने की उम्मीद है। साथ ही परीक्षण के आधार पर हम पहली बार में पांच से छह साइबर विशेषज्ञों को शामिल करने की योजना भी बना रहे हैं।”