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खोखला है भाजपा का ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा: मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन बोले

 

डेस्क । बरेली में उर्स-ए-आला हजरत के पहले दिन ‘इस्लामिक रिसर्च सेंटर’ में उलमा की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने की है।
बैठक में देश के विभिन्न राज्यों से आए उलमा ने मुसलमानों के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करी और उन्होंने मुसलमानों, हुकमतों और विभिन्न राजनीतिक दलों के कामों का जायजा लेते हुए ‘मुस्लिम एजेंडा’ भी तैयार किया है।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ‘मुस्लिम एजेंडा’ जारी करते हुए मुसलमानों को हिदायत दी है कि शिक्षा, बिजनेस और परिवार पर ध्यान दें। समाज में फैल रही बुराइयों की रोकथाम करें वहीं ट्रिपल टी के फार्मूल पर काम करें यानि तालीम, तिजारत और तरबियत। यही कामयाबी का एकमात्र रास्ता भी है। लड़कियों के लिए अलग से स्कूल व कॉलेज खोलें। इस वक्त देश की राजनीति बहुत खराब हो चुकी है, इसलिए राजनीति से दूरी ही बनाएं। अन्यथा भविष्य में आपको बड़े नुकसान उठाने पड़ेंगे।

मौलाना ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को बोला है कि देश की एकता और अखंडता के लिए मुसलमान हर कुर्बानी देने के लिये तैयार है, मगर हिंदू और मुस्लिम के दरम्यान नफरत फैलाने वाली राजनीति बर्दाश्त बिल्कुल नहीं की जा सकती। मुसलमानों के साथ नाइंसाफी, जुल्म व ज्यादती को भी ज्यादा दिन तक हम सहन नहीं कर सकते और सरकारों व राजनीतिक दलों को इस पर गंभीरता से काम करना होगा। मुसलमानों के प्रति अपने आचरण में बदलाव भी लाना होगा।

शहाबुद्दीन ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने ‘सबका साथ सबका विकास’ और ‘सूफी विचारधारा’ का नारा दिया था मगर ये दोनों नारे एकदम खोखले साबित हो गए। न मुसलमानों को साथ लिया गया और न ही सूफी विचारधारा को बढ़ाने का काम हुआ।

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