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Join NowUP Voter List News: अगर आप उत्तर प्रदेश के दिल्ली से सटे जिलों—नोएडा (गौतमबुद्ध नगर) या गाजियाबाद में रहते हैं, तो यह खबर आपके पैरों तले ज़मीन खिसका सकती है। क्या आप जानते हैं कि लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव यानी चुनाव में हिस्सा लेने का आपका अधिकार खतरे में है? उत्तर प्रदेश चुनाव आयोग की हालिया रिपोर्ट ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। नोएडा और गाजियाबाद में रहने वाले लाखों लोगों को ‘संदिग्ध’ की श्रेणी में डाल दिया गया है, और अब उनके वोट देने के अधिकार पर तलवार लटक रही है।
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NCR के इन दो जिलों में मची खलबली!
स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के हालिया एन्यूमरेशन फेज (गणना चरण) के खत्म होने के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं, वे न सिर्फ चौंकने वाले हैं, बल्कि डराने वाले भी हैं। अकेले नोएडा में लगभग 4.4 लाख वोटर्स और गाजियाबाद में 8.3 लाख वोटर्स को “खतरनाक लिस्ट” में डाल दिया गया है। इन लोगों को ASD यानी ‘एब्सेंट (अनुपस्थित)’, ‘शिफ्टेड (पता बदल चुके)’, ‘डेड (मृतक)’ या ‘डुप्लीकेट (दोहरी प्रविष्टि)’ के तौर पर मार्क किया गया है।
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सीधे शब्दों में कहें तो, नोएडा के हर 4 में से 1 और गाजियाबाद के लगभग हर 3 में से 1 वोटर का नाम वोटर लिस्ट से काटने की तैयारी है। अगर आप इनमें से एक हैं, तो अगले चुनाव में आप मतदान केंद्र के अंदर नहीं जा पाएंगे।
क्या है यह ‘अनमैप्ड’ वोटर्स (Unmapped Voters) का लफड़ा?
इन चौंकाने वाले आंकड़ों के अलावा, लगभग 3.4 लाख वोटर ऐसे पाए गए हैं जिन्हें “अनमैप्ड” मार्क किया गया है। यह शब्द सुनकर आपको लग सकता है कि सब ठीक है, लेकिन असलियत वैसी नहीं है। नोएडा के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर अतुल कुमार ने बताया कि “अनमैप्ड” वे लोग हैं जिनकी डिटेल्स साल 2003 के पुराने बेसलाइन रिकॉर्ड से मैच नहीं हो रही हैं।
अगर आपकी जानकारी 2003 के रिकॉर्ड से लिंक नहीं हो पा रही है, तो प्रशासन आपको नोटिस जारी करने जा रहा है। इसका मतलब यह नहीं कि आपका नाम अभी कट गया है, लेकिन अब आपको कड़ी प्रक्रिया और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन से गुजरना होगा, तभी आपकी वोटिंग पावर बच पाएगी।
पूरी उत्तर प्रदेश की स्थिति और भी भयावह
यह समस्या सिर्फ नोएडा और गाजियाबाद तक सीमित नहीं है। पूरे राज्य (Uttar Pradesh) में लगभग 2.9 करोड़ वोटर्स “अनकलेक्टेबल” श्रेणी में पाए गए हैं। इनमें से:
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करीब 1.2 करोड़ वोटर ऐसे हैं जो हमेशा के लिए अपना शहर बदल चुके हैं।
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लगभग 45 लाख लोग अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन लिस्ट में उनके नाम ज़िंदा थे।
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23 लाख लोग ऐसे हैं जिनका नाम दो-दो जगहों की वोटर लिस्ट में है (Duplicate)।
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करीब 9.4 लाख फॉर्म भरे ही नहीं गए और 84.5 लाख वोटर सर्वे के समय मौके पर मौजूद नहीं मिले।
नोट कर लीजिए ये ‘डेडलाइन’ – 31 दिसंबर है बड़ा दिन!
अगर आपको डर लग रहा है कि कहीं आपका नाम तो नहीं कट गया, तो सावधान हो जाइए। प्रशासन ने इसके लिए एक टाइमलाइन जारी कर दी है:
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31 दिसंबर 2025: इस दिन ड्राफ्ट वोटर लिस्ट (कच्ची सूची) जारी होगी। इसे आप चुनाव आयोग की वेबसाइट या बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) के पास जाकर देख सकते हैं।
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30 जनवरी 2026: यह शिकायत दर्ज करने की आखिरी तारीख है। अगर आपका नाम कट गया है या आप अनमैप्ड हैं, तो इस दिन तक क्लेम फाइल करना होगा।
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21 फरवरी 2026: अधिकारियों द्वारा आपके दस्तावेजों की जांच और अंतिम नोटिस की तारीख।
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28 फरवरी 2026: इस दिन फाइनल ‘शुद्ध’ वोटर लिस्ट आएगी।
अब आपको क्या करना चाहिए?
आपका वोट सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं, आपकी आवाज़ है। अपनी आवाज़ को बचाने के लिए ये काम तुरंत करें:
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इलेक्शन कमीशन के ऑनलाइन पोर्टल या Voter Helpline App का इस्तेमाल कर अपना नाम चेक करें।
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अगर आपके पास नोटिस आता है, तो डरे नहीं बल्कि अपने मूल दस्तावेज़ों (आधार, राशन कार्ड, एड्रेस प्रूफ) के साथ बीएलओ से मिलें।
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अगर आप नोएडा-गाजियाबाद में नए शिफ्ट हुए हैं, तो यह चेक करें कि क्या आपका पिछला रिकॉर्ड डिलीट होकर नया अपडेट हुआ है या नहीं।
समय कम है और संकट बड़ा। 31 दिसंबर को वोटर लिस्ट में अपना नाम ज़रूर देख लें, वर्ना अगले 5 सालों तक आपको सिर्फ पछतावा ही होगा……














