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Join NowGold price today: त्योहारी सीजन खत्म होते ही सोने-चांदी के बाजार में मानो सुनामी आ गई है। शुक्रवार की शाम निवेशकों के लिए चिंता लेकर आई, तो वहीं खरीदारों के चेहरों पर एक बड़ी मुस्कान छोड़ गई। वैश्विक संकेतों और घरेलू बाजार में मुनाफावसूली के दबाव के चलते सोने और चांदी की कीमतों में अचानक एक बड़ी और अप्रत्याशित गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट इतनी तेज है कि कीमतें अपने हाल के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर से हजारों रुपये नीचे आ गई हैं, जिससे यह शादी-ब्याह के लिए खरीदारी करने वालों और नए निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर बन गया है।
एक ही दिन में धड़ाम हुईं कीमतें
इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार शाम 5 बजे तक वायदा बाजार में कीमतों का जो मंजर था, उसने सबको हैरान कर दिया।
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24 कैरेट शुद्ध सोना: सबसे शुद्ध माने जाने वाले 24 कैरेट सोने के भाव में कल शाम की तुलना में लगभग ₹2000 प्रति 10 ग्राम की भारी गिरावट आई, और यह ₹1,21,518 पर बंद हुआ।
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22 कैरेट सोना: आभूषणों के लिए सबसे लोकप्रिय 22 कैरेट सोने की कीमत भी लगभग ₹1700 गिरकर ₹1,11,310 प्रति 10 ग्राम पर आ गई।
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18 और 14 कैरेट सोना: इसी तरह, 18 कैरेट सोने का भाव ₹91,139 और 14 कैरेट का भाव ₹71,088 प्रति 10 ग्राम रहा। सुबह के मुकाबले ही शाम तक कीमतों में ₹1000 की और गिरावट देखी गई।
चांदी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, ₹4000 से ज्यादा सस्ती
सोने से भी बड़ी गिरावट चांदी की कीमतों में देखने को मिली है। चांदी एक ही दिन में ₹4,400 प्रति किलोग्राम तक सस्ती हो गई। जहां कल शाम को चांदी का भाव ₹1,51,450 प्रति किलो था, वहीं आज यह लुढ़ककर ₹1,47,033 प्रति किलो पर आ गया। वायदा बाजार (MCX) पर भी दिसंबर वायदा के लिए चांदी ₹2,834 गिरकर ₹1,45,678 पर कारोबार कर रही है।
क्यों आई कीमतों में यह सुनामी जैसी गिरावट?
बाजार के विशेषज्ञ इस बड़ी गिरावट के पीछे कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कारणों का हाथ बता रहे हैं:
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भारी मुनाफावसूली: पिछले कुछ महीनों में सोना-चांदी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए थे। जिन निवेशकों ने कम दामों पर खरीदारी की थी, वे अब भारी मुनाफा कमाकर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, जिससे बिकवाली का दबाव बढ़ गया है।
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अमेरिका-चीन तनाव में कमी: सोना एक “सुरक्षित निवेश” (Safe Haven) माना जाता है। जब भी दुनिया में तनाव बढ़ता है, लोग सोने में निवेश करते हैं। अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम होने के संकेतों से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है और वे सोने से पैसा निकालकर शेयर बाजार जैसे जोखिम भरे विकल्पों में लगा रहे हैं।
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मजबूत होता डॉलर: अंतरराष्ट्रीय बाजार में अमेरिकी डॉलर की मजबूती ने भी सोने पर दबाव डाला है। जब डॉलर मजबूत होता है, तो अन्य मुद्राओं में सोना खरीदना महंगा हो जाता है, जिससे उसकी मांग घटती है।
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त्योहारी मांग का खत्म होना: भारत सोने का एक बहुत बड़ा बाजार है। धनतेरस और दिवाली के दौरान सोने की खरीदारी चरम पर होती है। अब त्योहारी सीजन खत्म होने के साथ ही घरेलू मांग में स्वाभाविक रूप से कमी आई है, जिसका असर कीमतों पर दिख रहा है।
रिकॉर्ड ऊंचाई से कितना सस्ता है सोना-चांदी?
यह गिरावट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 17 अक्टूबर को ही सोना-चांदी ने अपना रिकॉर्ड उच्चतम स्तर छुआ था। MCX के आंकड़ों के अनुसार, उस शिखर से सोना अब तक ₹10,000 प्रति 10 ग्राम से ज्यादा और चांदी ₹25,000 प्रति किलोग्राम तक सस्ती हो चुकी है। यह उन लोगों के लिए एक शानदार मौका है जो ऊंची कीमतों के कारण खरीदारी नहीं कर पाए थे, और अब भारत से लेकर अमेरिका और ब्रिटेन में बैठे भारतीय भी इस गिरावट पर नजर बनाए हुए हैं।
















