Drishti IAS: टॉपर्स के झूठे दावे पर 5 लाख का जुर्माना, क्या है पूरा सच?

Published On: October 4, 2025
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Drishti IAS: टॉपर्स के झूठे दावे पर 5 लाख का जुर्माना, क्या है पूरा सच?

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Drishti IAS: UPSC की तैयारी कराने वाले देश के सबसे चर्चित कोचिंग संस्थानों में से एक, दृष्टि आईएएस (Drishti IAS) और उसके संस्थापक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति (Dr. Vikas Divyakirti) पर एक बार फिर गाज गिरी है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग संस्थान पर पांच लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नतीजों के बारे में भ्रामक और trompeur विज्ञापन (Misleading Advertisement) प्रकाशित करने को लेकर लगाया गया है। आइए जानते हैं कि आखिर यह पूरा मामला क्या है और क्यों देश के लाखों छात्रों को प्रभावित करने वाले इस कोचिंग संस्थान पर यह कार्रवाई की गई।

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क्या था विज्ञापन में और जांच में क्या हुआ खुलासा?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दृष्टि आईएएस ने अपने विज्ञापपनों में यह दावा किया था कि UPSC CSE 2022 में 216 से भी अधिक अभ्यर्थियों का चयन उनके संस्थान से हुआ है। इस दावे को पुख्ता दिखाने के लिए सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया गया था।

लेकिन जब इस मामले की जांच CCPA (Central Consumer Protection Authority) ने अपने हाथ में ली, तो जो खुलासा हुआ, वह चौंकाने वाला था। जांच में पता चला कि कोचिंग संस्थान ने इस विज्ञापन में महत्वपूर्ण जानकारी को जानबूझकर छिपाया था, जिससे छात्र और उनके अभिभावक गुमराह हो सकते थे।

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जांच में यह सच सामने आया:

  • विज्ञापन में दिखाए गए 216 अभ्यर्थियों में से 162 अभ्यर्थी तो केवल संस्थान के निशुल्क इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम (Free Interview Guidance Program – IGP) में शामिल हुए थे।

  • इसका मतलब यह है कि इन अभ्यर्थियों ने प्रारंभिक (Prelims) और मुख्य परीक्षा (Mains) की सबसे कठिन बाधा खुद की मेहनत और तैयारी से पार की थी और केवल इंटरव्यू के लिए मार्गदर्शन लेने संस्थान पहुंचे थे।

  • संस्थान के रेगुलर, पेड कोर्स में नामांकित छात्रों की संख्या सिर्फ 54 थी।

कोचिंग संस्थान द्वारा इस जानकारी को छिपाना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 2 (28) के तहत ‘भ्रामक विज्ञापन’ की श्रेणी में आता है, क्योंकि इससे यह धारणा बनती है कि सभी 216 छात्र संस्थान के पूर्णकालिक छात्र थे।

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पहले भी लग चुका है जुर्माना

यह पहली बार नहीं है जब दृष्टि IAS पर इस तरह की कार्रवाई हुई है। CCPA ने बताया कि सितंबर 2024 में भी प्राधिकरण ने UPSC CSE 2021 में “150+ चयन” के ऐसे ही भ्रामक दावे के लिए दृष्टि IAS पर 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। उस समय भी संस्थान ने 161 उम्मीदवारों का जो विवरण प्रदान किया था, वह सही नहीं पाया गया था।

कोचिंग संस्थानों पर सरकार का शिकंजा

CCPA सिर्फ दृष्टि IAS पर ही नहीं, बल्कि ऐसे कई अन्य कोचिंग संस्थानों पर भी शिकंजा कस रहा है जो टॉपर्स के नाम पर भ्रामक विज्ञापन फैलाते हैं। अब तक CCPA द्वारा विभिन्न कोचिंग संस्थानों को 54 नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 26 कोचिंग संस्थानों पर 90.6 लाख रुपए से अधिक का कुल जुर्माना लगाया जा चुका है। इसके साथ ही CCPA ने सभी संस्थानों को ऐसे भ्रामक विज्ञापनों को तुरंत बंद करने के सख्त निर्देश जारी किए हैं।

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