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Join NowDelhi Metro Phase 4: दिल्ली की लाइफलाइन कही जाने वाली दिल्ली मेट्रो (Delhi Metro) अपने चौथे चरण (Phase 4) के विस्तार के साथ एक नए, गौरवान्वित और हाई-टेक युग में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) इस बार सिर्फ कनेक्टिविटी का विस्तार नहीं कर रहा है, बल्कि राष्ट्रवाद और आत्मनिर्भर भारत की भावना को भी पटरियों पर उतार रहा है। फेज चार के लिए आने वाली नई चालक रहित (driverless) ट्रेनें देश के गौरव, तिरंगे की थीम से सजी होंगी, जो हर यात्री को भारतीय होने का एहसास कराएंगी।
तिरंगे के रंगों में रंगी बोगियां: एक चलती-फिरती राष्ट्रीय पहचान
यह पहली बार है जब दिल्ली मेट्रो ने अपनी ट्रेनों को इतना विशिष्ट राष्ट्रीय स्वरूप दिया है। पूरी तरह से ‘मेक इन इंडिया‘ (Make In India) पहल के तहत भारत में निर्मित इन छह कोच वाली ट्रेनों का डिज़ाइन राष्ट्र भावना को जगाने और प्रेरित करने के उद्देश्य से किया गया है।
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केसरिया, सफेद और हरा: प्रत्येक ट्रेन के कोचों को तिरंगे के तीन रंगों में बांटा गया है। पहला और चौथा कोच केसरिया रंग की थीम में होगा, जो साहस और बलिदान का प्रतीक है।
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दूसरा और पांचवां कोच सफेद रंग में शांति और सच्चाई का संदेश देगा।
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तीसरा और छठा कोच हरे रंग की थीम में होगा, जो विकास और समृद्धि को दर्शाता है।
यह अनूठी रंग योजना न केवल सौंदर्य की दृष्टि से आकर्षक है, बल्कि यह हर दिन यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों को एक सूत्र में पिरोने का भी काम करेगी। वर्तमान में, फेज चार की पहली मेट्रो ट्रेन दिल्ली के मुकुंदपुर डिपो में पहुंच चुकी है, जहां इसका गहन ट्रायल चल रहा है और जल्द ही यह मेट्रो कॉरिडोर पर रफ्तार भरती नजर आ सकती है।
‘मेक इन इंडिया’ की ताकत: आंध्र प्रदेश में हो रहा निर्माण
आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करते हुए, DMRC फेज चार के लिए कुल 52 ट्रेनों (352 कोच) की खरीद कर रहा है। इन विश्वस्तरीय ट्रेनों का निर्माण आंध्र प्रदेश के श्रीसिटी में स्थित अत्याधुनिक प्लांट में किया जा रहा है। ये ट्रेनें कई मामलों में मौजूदा ट्रेनों से कहीं बेहतर और उन्नत होंगी:
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रफ्तार और शांति: ये नई ट्रेनें पुरानी मेट्रो की तुलना में अधिक तेज गति पकड़ सकेंगी। इनकी अधिकतम गति 95 किलोमीटर प्रति घंटे होगी और इन्हें 85 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकेगा, जबकि पुरानी ट्रेनों की अधिकतम गति 80 किलोमीटर प्रति घंटे है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि परिचालन के दौरान ये ट्रेनें बेहद शांत होंगी, जिससे ध्वनि प्रदूषण (noise pollution) में भारी कमी आएगी।
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आधुनिक यात्री सुविधाएं: इन ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा का खास ध्यान रखा गया है। फेज तीन की रंग-बिरंगी सीटों के बजाय, इनमें एक समान और प्रीमियम सीटें होंगी। साथ ही, आज की डिजिटल दुनिया की जरूरतों को समझते हुए, हर कोच में यात्रियों के लिए मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध होगी।
फेज-4: दिल्ली का नया कनेक्टिविटी मैप
दिल्ली मेट्रो का फेज चार शहर के कई हिस्सों को जोड़ेगा, जिससे यात्रा और भी सुगम हो जाएगी:
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प्रमुख कॉरिडोर: इस चरण में जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम कॉरिडोर (मजेंटा लाइन विस्तार), मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर (पिंक लाइन विस्तार), और गोल्डन लाइन (तुगलकाबाद-एरोसिटी) का निर्माण हो रहा है।
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पिंक लाइन पर जल्द शुरू होगा परिचालन: मौजपुर-मजलिस पार्क कॉरिडोर का काम लगभग पूरा हो चुका है और जल्द ही इस पर परिचालन शुरू होने की उम्मीद है, जिस पर यह नई तिरंगा थीम वाली ट्रेनें दौड़ सकती हैं।
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ट्रेनों का आवंटन: DMRC के अनुसार, मजेंटा लाइन पर 24, पिंक लाइन पर 15 और गोल्डन लाइन पर 13 नई ट्रेनें तैनात की जाएंगी।
भविष्य की तकनीक और सुरक्षा
ये ट्रेनें सिर्फ दिखने में ही आकर्षक नहीं हैं, बल्कि तकनीक और सुरक्षा के मामले में भी अग्रणी हैं:
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हाई-डेफिनिशन सुरक्षा: यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हाई-रिज़ॉल्यूशन वाले सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
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ऊर्जा-कुशल कूलिंग: इसका HVAC (हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनर) सिस्टम यात्रियों को अधिकतम आराम देने के साथ-साथ ऊर्जा की खपत भी कम करेगा।
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कार्बन फुटप्रिंट में कमी: कोच में प्रयुक्त सभी सामग्री का चयन कार्बन उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से किया गया है।
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बेहतर जानकारी: यात्रियों को बेहतर जानकारी देने के लिए अधिक संख्या में डिजिटल डिस्प्ले यूनिट लगाई गई हैं।
यह नई पीढ़ी की मेट्रो ट्रेनें न केवल दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन को एक नई पहचान देंगी, बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ की वैश्विक ताकत का भी प्रतीक बनेंगी।