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Join NowGold silver prices: इस साल सोने की कीमतों ने जहां निवेशकों को हैरान किया है, वहीं सितंबर महीने में तो यह लगभग हर रोज़ नए रिकॉर्ड हाई पर पहुंचता रहा। दूसरी ओर, चांदी ने तो कमाल ही कर दिया और 2025 में अब तक इसकी कीमत में ताबड़तोड़ बढ़ोतरी देखने को मिली है, जिसने रिटर्न के मामले में गोल्ड को भी पीछे छोड़ दिया है। सितंबर महीने के आखिरी दिन दोनों कीमती धातुओं की कीमतों की बात करें, तो इनके दाम फिर से नए लाइफ टाइम हाई पर पहुंच गए हैं। ऐसे में अगर आप सोना-चांदी खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो सबसे पहले इनमें आए इस ज़बरदस्त बदलाव पर ज़रूर नज़र मार लें, क्योंकि ये आंकड़े आपके होश उड़ा देंगे!
गोल्ड-सिल्वर रेट पर कोई ब्रेक नहीं: आख़िर कब रुकेगी ये आग?
सबसे पहले बताते हैं सोने की कीमत के बारे में: सितंबर महीने के आखिरी कारोबारी दिन, मंगलवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर 5 दिसंबर की एक्सपायरी वाली सोना खुलने के साथ ही 1100 रुपये से ज़्यादा की ज़ोरदार उछाल के साथ नए लाइफ टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया और ₹1,17,561 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। यह एक ऐतिहासिक आंकड़ा है जो दर्शाता है कि सोने में निवेश अब तक का सबसे महंगा साबित हो रहा है। तो वहीं, चांदी की कीमत भी 1000 रुपये प्रति किलो से ज़्यादा चढ़कर ₹1,44,200 रुपये के अब तक के सबसे उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। यह आंकड़ा चांदी में आई अप्रत्याशित तेज़ी का प्रमाण है, जिसने निवेशकों को मालामाल कर दिया है।
पूरे सितंबर महीने ज़ोरदार तेज़ी: पिछले एक महीने में कितनी बढ़ी कीमतें?
वैसे तो गोल्ड-सिल्वर रेट ने इस साल अब तक धमाल मचाए रखा है, लेकिन बात सिर्फ सितंबर महीने की करें, तो दोनों धातुओं की कीमतें हर रोज़ नई बुलंदियों पर नज़र आई हैं। गोल्ड रेट में आए चेंज को देखें, तो महीने के पहले दिन, 1 सितंबर को MCX गोल्ड रेट ₹1,05,776 रुपये प्रति 10 ग्राम था और इस हिसाब से इसकी कीमत अब तक ₹11,785 रुपये प्रति 10 ग्राम तक बढ़ गई है। यह लगभग 11% की बढ़ोतरी है जो एक महीने के भीतर चौंकाने वाली है। वहीं, चांदी का वायदा भाव सितंबर के पहले दिन ₹1,24,661 रुपये था और कैलकुलेशन करें, तो यह ₹19,539 रुपये प्रति किलो महंगी हुई है। यह लगभग 15.6% की छलांग है, जो दिखाती है कि चांदी ने इस महीने सोने से भी बेहतर प्रदर्शन किया है।
घरेलू मार्केट में भी मचाया गदर: भारत में सोने-चांदी के दाम क्या कहते हैं?
सोना और चांदी सिर्फ अंतरराष्ट्रीय बाज़ार या मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर ही नहीं, बल्कि घरेलू मार्केट में भी गदर मचाते हुए नज़र आए। इनकी लेटेस्ट कीमत पर गौर करें, तो इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वेबसाइट IBJA.Com के मुताबिक, बीते कारोबारी 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का दाम ₹1,15,454 रुपये और चांदी की कीमत ₹1,44,387 रुपये पर बंद हुआ था। ये आंकड़े भारतीय बाज़ार में भी इनकी बढ़ती मांग और मूल्य को दर्शाते हैं।
महीनेभर में कीमतों में आए बदलाव को देखें, तो घरेलू मार्केट में 1 सितंबर की शाम को 24 कैरेट गोल्ड रेट ₹1,04,493 रुपये प्रति 10 ग्राम पर क्लोज हुआ था और इसमें पूरे महीने ₹10,961 रुपये प्रति 10 ग्राम का ज़ोरदार उछाल आया है। घरेलू बाजार में चांदी का भाव 1 सितंबर को ₹1,22,800 रुपये प्रति किलो था और यह ₹21,587 रुपये प्रति किलो तक महंगी हुई है। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से दिखाते हैं कि भारतीय उपभोक्ताओं के लिए सोना और चांदी अब काफी महंगे हो गए हैं।
ज्वेलरी खरीद पर और महंगा: हॉलमार्किंग और मेकिंग चार्ज का खेल!
अगर आप ज्वेलरी खरीदने जा रहे हैं, तो आपके लिए यह जान लेना बेहद ज़रूरी है कि देश भर में सोने के आभूषणों की कीमत उत्पाद शुल्क, राज्यों के कर और मेकिंग चार्ज के कारण अलग-अलग होती है। दरअसल, इंडियन बुलियन ज्वेलर्स की वेबसाइट पर अपडेट किए जाने वाले रेट्स देशभर में समान रहते हैं, लेकिन ज्वेलरी खरीद पर 3% जीएसटी और मेकिंग चार्ज जोड़कर ये और महंगा हो जाता है। इसलिए, वास्तविक कीमत हमेशा प्रदर्शित मूल्य से अधिक होगी।
अगर क्वालिटी चेक की बात करें, तो आभूषण बनाने के लिए ज़्यादातर 22 कैरेट का इस्तेमाल होता है, जबकि कुछ लोग 18 कैरेट सोने की ज्वेलरी भी बनवाते हैं। इसकी शुद्धता आभूषण पर कैरेट के हिसाब से दर्ज हॉलमार्क से जांची जा सकती है। जैसे, 24 कैरेट सोने के आभूषण पर 999 लिखा होता है, जबकि 23 कैरेट पर 958, 22 कैरेट पर 916, 21 कैरेट पर 875 और 18 कैरेट पर 750 लिखा होता है। हमेशा हॉलमार्क देखकर ही ज्वेलरी खरीदें ताकि आपको सही शुद्धता का सोना मिल सके।
क्यों लगातार महंगा हो रहा सोना और चांदी? निवेशक कहां देखें?
गोल्ड-सिल्वर रेट में तेज़ उछाल के पीछे एक नहीं, बल्कि कई वजहें हैं। वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव की स्थितियों और आर्थिक अनिश्चितता के चलते निवेशक सुरक्षित निवेश माने जाने वाले सोने की तरफ़ आकर्षित हुए हैं, जिससे इसकी मांग बढ़ी है। तो वहीं, डॉलर में कमज़ोरी ने भी कीमतों में इज़ाफ़ा करने में अहम रोल निभाया है, क्योंकि डॉलर के कमज़ोर होने पर सोना अन्य मुद्राओं वाले निवेशकों के लिए सस्ता हो जाता है। दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों और ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में सोने की बढ़ती डिमांड और चांदी के इंडस्ट्रियल इस्तेमाल में तेज़ी से भी इसे ज़बरदस्त सपोर्ट मिला है। चांदी का उपयोग सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे बढ़ते उद्योगों में भी बढ़ रहा है, जिससे इसकी औद्योगिक मांग भी बढ़ रही है, और यही वजह है कि दोनों कीमती धातुएं लगातार नई ऊंचाइयों को छू रही हैं।