Gratuity: ₹50,000 सैलरी है तो ऐसे करें कैलकुलेट, जानें आपके खाते में कितने लाख आएंगे रिटायरमेंट पर

Published On: June 21, 2025
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Gratuity: ₹50,000 सैलरी है तो ऐसे करें कैलकुलेट, जानें आपके खाते में कितने लाख आएंगे रिटायरमेंट पर

Gratuity: नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए ग्रेच्युटी (Gratuity) एक अमूल्य इनाम (Employees Reward) है, जो उन्हें किसी एक ही कंपनी में कम से कम पांच साल (5 Years Service for Gratuity) तक लगातार काम करने के बदले मिलता है। जब एक कर्मचारी अपनी युवावस्था और बहुमूल्य समय एक ही कंपनी को समर्पित करता है, तो उसके लम्बी सेवा के प्रति कंपनी की ओर से एक तय समय-सीमा (Specific Time Period) के बाद नौकरी छोड़ने (Job Leaving Benefits), रिटायर होने या मृत्यु (Death in Service Gratuity) की स्थिति में एक निश्चित रकम ‘रिवार्ड’ के रूप में दी जाती है। इस रकम को ही ग्रेच्युटी (What is Gratuity) कहा जाता है, जो कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय सुरक्षा (Financial Security for Employees) और प्रोत्साहन का कार्य करती है। यह नियम सरकारी (Government Employees) और निजी क्षेत्र (Private Employees) दोनों के कर्मचारियों पर लागू होता है, जैसा कि कर्मचारी समाचार (Employees News) में अक्सर चर्चा का विषय होता है।

भारत में, ग्रेच्युटी (Gratuity in India) के लिए न्यूनतम 5 साल की सेवा-अवधि (Minimum Service Period for Gratuity) निर्धारित की गई है। यानी अगर कोई कर्मचारी (Employee Eligibility for Gratuity) किसी कंपनी में लगातार 5 साल तक काम करता है, तो नौकरी छोड़ने या रिटायर होने पर वह ग्रेच्युटी का हकदार बन जाता है। यदि आप भी एक कंपनी में पिछले 20 साल से नौकरी (20 Years Service Gratuity) कर रहे हैं, और अब अपनी नौकरी छोड़ने या रिटायर होने का मन बना रहे हैं, तो आपके लिए यह जानना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि देश के मौजूदा ग्रेच्युटी नियमों (Current Gratuity Rules) के हिसाब से आपको कितनी ग्रेच्युटी (How Much Gratuity Will I Get) मिलेगी। आइए, कैलकुलेशन (Gratuity Calculation Formula) सहित इसकी पूरी डिटेल के बारे में विस्तार से समझते हैं।

ग्रेच्युटी के लिए कर्मचारियों की संख्या और एक्ट से जुड़ा नियम (Rules Related to Employee Count and Gratuity Act):

पेमेंट ऑफ़ ग्रेच्युटी एक्ट (Payment of Gratuity Act) के अनुसार:

  • यदि किसी कंपनी (Company Size for Gratuity) में 10 या इससे ज़्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं, तो ऐसी कंपनी पर कर्मचारी ग्रेच्युटी का भुगतान (Mandatory Gratuity Payment) करना अनिवार्य है।
  • इसमें सरकारी (Government Sector Gratuity) और प्राइवेट (Private Sector Gratuity) दोनों ही तरह की कंपनियाँ शामिल हैं।
  • इसके साथ ही, दुकानें (Shops), फैक्ट्री (Factories) और अन्य प्रतिष्ठान (Other Establishments) भी इस अधिनियम के दायरे में शामिल हैं, बशर्ते उनमें पर्याप्त संख्या में कर्मचारी कार्यरत हों।

कंपनी का ग्रेच्युटी एक्ट के तहत रजिस्टर्ड होना (Company Registration under Gratuity Act):

ग्रेच्युटी के लिए अप्लाई (Apply for Gratuity) करने से पहले आपको यह जांच ज़रूर करनी चाहिए कि आपकी कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट (Gratuity Act Registration) के तहत रजिस्टर्ड (Registered Company for Gratuity) है या नहीं।

  • अगर आपकी कंपनी रजिस्टर्ड है, तो उसे नियमों (Gratuity Rules) के अनुसार आपको ग्रेच्युटी का भुगतान (Payment of Gratuity) करना अनिवार्य होगा।
  • लेकिन अगर कंपनी रजिस्टर्ड नहीं (Unregistered Company Gratuity) है, तो ग्रेच्युटी का भुगतान करना या नहीं करना पूरी तरह से कंपनी की इच्छा (Company’s Discretion) पर निर्भर करता है, हालांकि कुछ कंपनियां स्वेच्छा से भुगतान करती हैं।

ग्रेच्युटी के लिए 5 साल की न्यूनतम सेवा और अवधि का महत्व (Minimum 5 Years Service Rule):

भारत में ग्रेच्युटी (Gratuity Eligibility India) के लिए न्यूनतम 5 साल की सेवा अनिवार्य (Mandatory 5 Years Service) है। हालाँकि, इस नियम में एक महत्वपूर्ण अपवाद है:

  • यदि किसी कर्मचारी ने कंपनी में 4 साल 8 महीने (4 Years 8 Months Service Gratuity) काम किया है, तो इसे पूरे 5 साल ही गिना जाएगा (Considered as 5 Years) और वह ग्रेच्युटी का हकदार (Entitled to Gratuity) होगा।
  • लेकिन, अगर उसने 4 साल 7 महीने (4 Years 7 Months Service Gratuity) काम किया है, तो इसे 4 साल माना जाएगा (Considered as 4 Years) और वह ग्रेच्युटी नहीं ले पाएगा।
  • नोटिस पीरियड (Notice Period Included): आपकी नौकरी का नोटिस पीरियड (जैसे 1 या 3 महीने) भी नौकरी के कुल दिनों (Total Service Period) में शामिल किया जाता है।

नौकरी पर रहते कर्मचारी की मृत्यु होने पर (Gratuity in Case of Employee’s Death):

यह एक मानवीय और महत्वपूर्ण प्रावधान है। अगर किसी कर्मचारी की रिटायरमेंट (Employee Retirement) या नौकरी छोड़ने से पहले ही (Before Job Resignation) मृत्यु हो जाती है (Employee Dies in Service), तो ऐसे में कंपनी को कर्मचारी के नॉमिनी (Nominee of Employee Gratuity) को ग्रेच्युटी का भुगतान करना होगा। इस स्थिति में, न्यूनतम 5 साल की सेवा सीमा वाला नियम (Minimum Service Rule Not Applicable in Death) लागू नहीं होगा। यानी, कर्मचारी ने कितने भी समय तक काम किया हो, नॉमिनी ग्रेच्युटी पाने का हकदार होगा।

ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का आसान नियम (Gratuity Calculation Rule):

ग्रेच्युटी को कैलकुलेट (Calculate Gratuity) करने का एक बहुत ही सरल और तय नियम है। यह फॉर्मूला व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है:
(अंतिम सैलरी) x (कंपनी में कितने साल काम किया) x (15/26)

यहां ’15/26′ के गुणांक (Gratuity Formula 15/26) का उपयोग क्यों किया जाता है? क्योंकि, महीने में रविवार के 4 दिनों को वीक ऑफ (Weekly Off Excluded) मानते हुए काम के दिनों में गिना नहीं जाता। इस वजह से, एक महीने में केवल 26 कार्य दिवस (26 Working Days per Month) गिने जाते हैं, और 15 दिन के आधार पर (15 Days Wage Basis) ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन (Gratuity Calculation) होता है।

उदाहरण के साथ समझें: ₹50,000 की सैलरी पर 20 साल की सर्विस की ग्रेच्युटी (Gratuity Example with ₹50,000 Salary and 20 Years Service):

मिसाल के लिए, एक कर्मचारी ने किसी कंपनी में 20 साल (20 Years of Service) तक लगातार काम किया है और उसकी आखिरी सैलरी (Last Drawn Salary) ₹50,000 रुपये है। उसकी ग्रेच्युटी की रकम (Gratuity Amount Calculation) का पता लगाने के लिए, हम उपरोक्त फॉर्मूले को लागू करेंगे:

  • अंतिम सैलरी (Last Salary): ₹50,000
  • नौकरी की अवधि (Service Period): 20 साल
  • फॉर्मूला: (अंतिम सैलरी) x (नौकरी की अवधि) x (15/26)
  • गणना: ₹50,000 x 20 x (15/26) = ₹5,76,923 (लगभग 5.76 लाख रुपये)

निजी कंपनी और सरकारी कर्मचारियों में अंतर (Private vs Government Employees Gratuity Calculation):

यह ध्यान देने वाली बात है कि निजी कंपनी (Private Company Employees Gratuity) के कर्मचारियों को आमतौर पर सरकारी कर्मचारियों (Government Employee Gratuity) की तरह महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) का सीधा लाभ (जैसे मूल वेतन में समायोजन) नहीं मिलता है। ऐसे में, उपरोक्त सूत्र में ‘अंतिम सैलरी’ की जगह केवल ‘बेसिक सैलरी’ (Basic Salary for Gratuity Calculation) का इस्तेमाल करके ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन (Gratuity Calculation) किया जाता है, न कि पूरी सकल सैलरी का।

उदाहरण (Basic Salary Gratuity Example): मान लीजिए अगर कर्मचारी की लास्ट सैलरी (Employee Last Salary) कुल ₹50,000 रुपये है, जिसमें से बेसिक सैलरी (Basic Salary) ₹25,000 रुपये है। तो बेसिक सैलरी के आधार पर उपरोक्त फॉर्मूले से मिलने वाली ग्रेच्युटी इस प्रकार होगी:

  • अंतिम बेसिक सैलरी (Last Basic Salary): ₹25,000
  • नौकरी की अवधि (Service Period): 20 साल
  • फॉर्मूला: (बेसिक सैलरी) x (नौकरी की अवधि) x (15/26)
  • गणना: ₹25,000 x 20 x (15/26) = ₹2,88,461.53 (लगभग 2.88 लाख रुपये)

मौजूदा समय में, कुछ कंपनियाँ अपने कर्मचारियों (Company Gratuity Policy) के लिए ग्रेच्युटी की राशि पहले से तय कर (Pre-determined Gratuity Amount) देती हैं। ऐसे में कंपनी में 5 साल या उससे अधिक समय तक नौकरी (Long Term Employee Benefits) किए कर्मचारियों को ग्रेच्युटी (Gratuity News) के रूप में मिलने वाली संभावित राशि तय होती है, जिससे पारदर्शिता और स्पष्टता (Transparency in Gratuity) आती है। ग्रेच्युटी (Gratuity for Employees) आपके वर्षों की सेवा का एक महत्वपूर्ण फल है, जो आपकी सेवानिवृत्ति या करियर बदलाव के समय एक बड़ा वित्तीय संबल प्रदान करती है।

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