Rafale India : क्या पाकिस्तान ने भारत के राफेल गिराए थे? बनाने वाली कंपनी के CEO ने जो जवाब दिया, सुनकर पूरी दुनिया हैरान

Published On: June 15, 2025
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Rafale India : क्या पाकिस्तान ने भारत के राफेल गिराए थे? बनाने वाली कंपनी के CEO ने जो जवाब दिया, सुनकर पूरी दुनिया हैरान

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Rafale India : भारतीय वायु सेना के सबसे उन्नत लड़ाकू विमान राफेल का निर्माण करने वाली फ्रेंच कंपनी दसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) एरिक ट्रैपियर (Eric Trappier) ने पाकिस्तान के उन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है जिनमें कहा गया था कि पिछले महीने के संघर्ष के दौरान भारत ने राफेल जेट विमान खो दिए थे। ट्रैपियर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पाकिस्तान जो कह रहा है, वह “गलत” (inaccurate) है। यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच हवाई क्षमताओं को लेकर चल रही बहस के बीच आया है, और पाकिस्तान के दावों पर एक बड़ा सवालिया निशान लगाता है।

विस्तृत जानकारी:

दसॉल्ट एविएशन के चेयरमैन और CEO एरिक ट्रैपियर ने एक फ्रांसीसी मैगज़ीन Challenges से बात करते हुए, भारत और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच मई 7-10 के संघर्ष के दौरान पाकिस्तान के तीन राफेल जेट मार गिराने के दावे का खंडन किया। यह अवधि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण थी, जिसमें सीमा पर हवाई गतिविधियां देखी गई थीं।

जब उनसे उन रिपोर्टों के बारे में पूछा गया जिनमें सुझाव दिया गया था कि इस टकराव के दौरान ‘भारत ने कम से कम एक राफेल खो दिया’, तो ट्रैपियर ने कहा, “भारतीयों ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, इसलिए हम निश्चित रूप से नहीं जानते कि क्या हुआ। लेकिन हम इतना जानते हैं कि पाकिस्तान जो कह रहा है, वह गलत है।” उनका यह संक्षिप्त लेकिन स्पष्ट जवाब पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा को झूठा साबित करता है।

ट्रैपियर ने हवाई युद्ध के परिणामों पर अपना दृष्टिकोण जोड़ते हुए इस बात पर जोर दिया कि किसी सैन्य मिशन की सफलता का आकलन केवल नुकसान न होने से नहीं किया जा सकता। उन्होंने समझाया, “जब आप लड़ाकू विमानों का संचालन करते हैं, तो आप एक मिशन को अंजाम दे रहे होते हैं। मिशन की सफलता शून्य नुकसान होना नहीं है, इसकी सफलता अपने निर्धारित उद्देश्यों को प्राप्त करना है।”

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दसॉल्ट के CEO ने इस बात को समझाने के लिए एक ऐतिहासिक उदाहरण भी दिया: “दूसरे विश्व युद्ध के दौरान, यह नहीं कहा गया था कि सहयोगियों (Allies) ने युद्ध हार दिया क्योंकि उनके सैनिक मारे गए थे।” उन्होंने भविष्य की ओर इशारा करते हुए कहा, “हम देखेंगे कि क्या नुकसान हुए, और क्या युद्ध के लक्ष्य हासिल किए गए। जब सच्चाई सामने आएगी, तो शायद कुछ लोग हैरान होंगे।” यह टिप्पणी बताती है कि आने वाले समय में इस संघर्ष से जुड़े और भी तथ्य सामने आ सकते हैं।

इससे पहले, इस्लामाबाद ने दावा किया था कि उसने 7 और 10 मई को छह भारतीय विमानों को मार गिराया था। ये शत्रुता भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद शुरू हुई थी, जिसका लक्ष्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकवादी कैंप थे। यह ऑपरेशन पहलगाम में हुए एक घातक आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। भारत के इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान की वायु सेना ने पलटवार करने की कोशिश की थी।

भारत ने अब तक ऑपरेशन के दौरान हुए विमानों के नुकसान का विस्तृत ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि, भारतीय वायु सेना के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर बात की है। एयर मार्शल ए.के. भारती, महानिदेशक हवाई संचालन (Director General Air Operations), ने 11 मई को एक प्रेस ब्रीफिंग में इसी तरह के एक सवाल का जवाब दिया था। उन्होंने कहा, “हम युद्ध की स्थिति में हैं; नुकसान युद्ध का एक हिस्सा है,” उन्होंने मिशन की सफलता पर जोर देते हुए कहा। भारती ने आगे कहा, “आपको यह सवाल पूछना चाहिए कि क्या हमने आतंकवादी कैंपों को नष्ट करने का अपना लक्ष्य हासिल किया है। इसका जवाब है ज़ोरदार ‘हाँ’।” यह बयान बताता है कि भारतीय वायु सेना का मुख्य ध्यान मिशन के उद्देश्य को हासिल करने पर था, न कि केवल नुकसान से बचने पर।

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भारत के रक्षा प्रमुख (Chief of Defence Staff), जनरल अनिल चौहान ने भी इसी तरह की भावनाएं व्यक्त कीं। सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग (Shangri-La Dialogue) में बोलते हुए, चौहान ने पाकिस्तान के राफेल गिराने के दावों को “बिल्कुल गलत” बताया। हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि संघर्ष के शुरुआती चरणों के दौरान कुछ भारतीय जेट विमान गिरे थे, लेकिन उन्होंने यह निर्दिष्ट नहीं किया कि कितने या उनमें राफेल शामिल थे या नहीं।

जब उनसे पूछा गया कि क्या राफेल अभी भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लड़ाकू विमानों में से एक है, तो ट्रैपियर ने मजबूती से इस फाइटर जेट की क्षमताओं का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि राफेल वास्तव में दुनिया का सबसे अच्छा विमान है, एफ-35 (F-35) से बेहतर और बाजार में मौजूद सभी चीनी विमानों से कहीं बेहतर।”

उन्होंने स्वीकार किया कि राफेल एफ-22 (F-22) जैसे विमानों के साथ सीधी टक्कर में चुनौतियों का सामना कर सकता है। हालांकि, उन्होंने इसकी बहुमुखी प्रतिभा (versatility) पर जोर दिया। “यह कहना हमेशा जटिल होता है कि हम पूर्ण रूप से सर्वश्रेष्ठ हैं, लेकिन मैं ईमानदारी से सोचता हूं कि हम समझौते में सबसे अच्छे हैं… मान लीजिए कि आपको एक ऐसा विमान चाहिए जो हवा से हवा में मार करने वाले मिशन (air-to-air missions), टोही (reconnaissance), हवा से जमीन पर हमले (air-to-ground strikes), परमाणु मिशन (nuclear missions) और विमानवाहक पोत (aircraft carrier) पर उतरने में सक्षम हो। ऐसी स्थिति में, मुझे लगता है कि राफेल वास्तव में दुनिया का सबसे अच्छा विमान है।”

दसॉल्ट CEO का यह बयान न केवल पाकिस्तान के दावों को झूठा साबित करता है, बल्कि भारतीय वायु सेना द्वारा राफेल की क्षमताओं में रखे गए विश्वास को भी मजबूत करता है। यह स्पष्ट करता है कि राफेल जैसे आधुनिक लड़ाकू विमान की भूमिका केवल हवा से हवा में लड़ाई तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विभिन्न प्रकार के मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम देने में सक्षम है।

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