धर्म– प्रभु श्री राम को हिन्दू धर्म मे परमपिता की उपाधि दी गई है। राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। प्रभु श्री राम ने अपने धर्म के लिए अपना सब कुछ त्याग दिया। उनका एक मात्र उद्देश्य अपनी जनता को प्रसन्न रखना था। प्रभु श्री राम के पास बाल्यकाल से ही काफी सामर्थ्य था। लेकिन उन्होंने अपनी असीम शक्तियों का उपयोग कभी भी अनुचित कार्यो के लिए नही किया।
वही आज पूरा भारत दशहरा का त्योहार मना रहा है। यह त्योहार असत्य पर सत्य की जीत, अधर्म पर धर्म की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। कहते हैं आज के दिन प्रभु श्री राम ने लंकेश रावण का वध किया था और असुरों का नाश हुआ था। आज के दिन पूरे भारत मे रावण दहन की प्रथा प्रचलित है।
लेकिन आज हम इस लेख में आपको मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी अमुख बाते बताने जा रहे हैं। जिनको अगर आप अपने जीवन मे उतार लेते हैं तो आपका जीवन धन्य हो जाएगा। और आपके जीवन से दुखो का नाश होगा।
विनम्रता–
भगवान राम के जीवन से हर व्यक्ति को विनम्रता सीखनी चाहिए। प्रभु श्री राम के पास असीम दैवीय शक्तियां थी। वह चाहते तो अपने सामर्थ्य से कुछ भी पल में कर सकते थे। लेकिन उन्होंने हमेशा अपने काम विनम्रता के साथ किये।
सत्य-
सत्य प्रभु श्री राम का सबसे प्रिय विचार था। वह कभी भी अपने परिजनों या किसी से झूठ नही बोलते थे। सत्य के कारण उन्हें हर जगह सराहा जाता था। अगर आप अपने जीवन मे सत्य को उतार लेते हैं तो आपका जीवन उत्त्तम हो जाएगा।
वचन–
प्रभु श्री राम अपने वचन से कभी नही पलटते थे। वह जो कहते थे वही करते थे। वे अपने जीवन में न सिर्फ अपने दिए हुए बल्कि पिता के दिए गए हुए वचन को भी निभाते हैं. पिता के वचन को निभाने के लिए बगैर कोई दु:ख या परेशानी जताए सहर्ष वनवास पर निकल जाते हैं।
मर्यादा–
प्रभु श्री राम ने कभी भी अपनी मर्यादाओं का उल्लंघन नही किया। आज के समय मे हम देखते हैं एक पुरुष अपने माता पिता का सम्मान नही करता। अपनी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार करता है। लेकिन प्रभु श्री राम ने अपनी मर्यादाओं में रहते हुए अपनो के लिए अपना जीवन लगा दिया। यदि आप मर्यादा के रहते हैं और अपनों के लिए अपना जीवन लगा देते हैं तो आपको आपके जीवन मे सफलता हासिल होती है।