डेस्क। Right to Health Act: राजस्थान के डॉक्टरों ने राज्य विधानसभा में हाल ही में पारित स्वास्थ्य के अधिकार (RTH) अधिनियम के विरोध में मंगलवार (4 मार्च, 2023) को जयपुर में एक विशाल रैली निकालने की योजना बनाई है। रैली में आईएमए हरियाणा इकाई के सदस्यों सहित 20,000 से अधिक डॉक्टरों के भाग लेने की उम्मीद भी है।
आईएमए (IMA) के अध्यक्ष डीआर अनिल मलिक के मुताबिक, आईएमए हरियाणा की सभी ब्रांचों के प्रतिनिधियों को 4 अप्रैल यानी आज जयपुर भेजने को कहा गया है। इस बीच मंगलवार को रात दो बजे से पांच बजे तक उनके आवास पर डॉक्टरों और मुख्य सचिव उषा शर्मा के बीच बातचीत जारी है। बैठक में प्रमुख सचिव अखिल अरोड़ा व चिकित्सा शिक्षा सचिव टी रविकांत भी मौजूद रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक डॉक्टर तीन शर्तों पर सहमत भी हुए हैं। जिसमें पहली शर्त है कि केवल वही अस्पताल आरटीएच लागू करेंगे और जिन्हें सरकार से मदद भी मिली है। जो लोग आरटीएच लागू करना चाहते हैं वे आगे बढ़ सकते हैं और दूसरी शर्त है कि 50 बेड्स से कम वाले अस्पताल आरटीएच लागू भी नहीं करेंगे। शर्त नंबर तीन जो सबसे महत्वपूर्ण है वो यह है कि भविष्य में यदि कोई संशोधन करना होता है तो उसमें इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के दो प्रतिनिधि को भी शामिल किया जाना है।
जानिए ‘राइट टू हेल्थ बिल’ क्या है?
राजस्थान सरकार हाल ही में संविधान के अनुच्छेद 21 के 2022 लेकर आई, इसे राजस्थान विधानसभा के पटल पर सितंबर 2022 में ही रखा गया था, पर विपक्ष और डॉक्टरों की मांग पर इसमें कुछ संशोधन किए गए और बीते 21 मार्च, 2023 को इसे पारित भी किया गया। दावा किया जा रहा है कि यह बिल मरीजों के लिए बहुत ही लाभकारी है और खासकर उन मरीजों के लिए जो निजी अस्पतालों का भारी-भरकम खर्च भी नहीं उठा सकते हैं। जानकारी के अनुसार अगर कोई मरीज अपने इलाज का भुगतान करने में सक्षम नहीं है तो राज्य सरकार उसकी आर्थिक मदद भी करेगी।
RTH के खिलाफ डॉक्टर क्यों हैं?
राइट टू हेल्थ बिल’के खिलाफ लगभग निजी अस्पतालों के डॉक्टर विरोध भी कर रहे हैं। डॉक्टरों का आरोप है कि राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारियां प्राइवेट डॉक्टरों के कंधे पर डालना चाह रही है। डॉक्टरों के मुताबिक इस विधेयक की रूपरेखा अभी तक साफ भी नहीं हो पाई है, मसलन- मरीज को इलाज देने के बाद सरकार किस तरीके से उसका भुगतान करेगी? सरकार जब पहले से ही कई स्वास्थ्य योजनाएं चला रही है तो अलग से राइट टू हेल्थ बिल की आखिर जरूरत क्या है?