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टीआरपी गेम जोन में लगी आग 27 लोगों की जलकर मौत, इतने बच्चे झुलसे 

 

डेस्क। राजकोट अग्निकांड की जांच के लिए गठित एसआईटी प्रमुख सुभाष त्रिवेदी ने गृह मंत्री के साथ में बैठक के बाद बोला, हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा। एसआईटी, किस विभाग ने क्या-क्या किया, इसकी पूरी गहन जांच भी करेगी। हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है, क्या-क्या गलतियां हुई हैं, ऐसे तमाम सवालों पर अभी भी मंथन हो रहा है।

गुजरात के राजकोट शहर में टीआरपी गेम जोन में लगी भीषण आग के कारण चार बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हुई है। गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने देर रात घटनास्थल का दौरा कर हादसे का अपडेट जाना। उन्होंने यह भी बताया कि एक शख्स लापता है। वहीं, राजकोट पुलिस ने ये बताया कि हादसे के बाद ‘गेम जोन’ के मालिक और प्रबंधक को हिरासत में लिया गया है। सरकार इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन भी किया है।

जांच के लिए गठित एसआईटी के प्रमुख सुभाष त्रिवेदी ने गृह मंत्री के साथ में बैठक के बाद बोला, हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। एसआईटी, किस विभाग ने क्या-क्या किया, इसकी पूरी भी गहन जांच करेगी। हादसे के लिए कौन जिम्मेदार है, क्या-क्या गलतियां हुई हैं, भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, और इसके लिए क्या उपाय जरूरी हैं? ऐसे तमाम सवालों पर मंथन भी हो रहा है।

आपको बता दें कि शनिवार शाम राजकोट के टीआरपी ‘गेम जोन’ में भीषण आग लगने से 12 साल की कम आयु के चार बच्चों समेत कुल 27 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। राजकोट में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) राधिका भराई ने बोला, 27 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। शव पूरी तरह से जल चुके हैं। ऐसे में उनकी पहचान कर पाना मुश्किल है। एसीपी विनायक पटेल ने यह बताया कि मृतकों में 12 साल से कम उम्र के कम से कम चार बच्चे शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक स्कूलों में छुट्टी होने के कारण टीआरपी गेम जोन में बड़ी संख्या में बच्चे अपने अभिभावकों के साथ मस्ती करने के लिए पहुंचे थे।

गृह मंत्री सांघवी ने देर रात संवाददाताओं से बोला कि, एक व्यक्ति अभी भी लापता है। व्यक्ति की तलाश करना हमारी जिम्मेदारी है, यह हमारी पहली प्राथमिकता बनी हुई है। सरकार अधिकतम टीमें तैनात कर रही है। सभी अधिकारियों को तड़के 3 बजे ही कलेक्टर कार्यालय में उच्च स्तरीय बैठक के लिए बुलाया गया और सभी विभागों के अधिकारी और गेम जोन निर्माण से जुड़े जवाबदेह लोगों को भी बैठक में बुलाया गया और एसआईटी को तत्काल ही जांच शुरू करने का निर्देश दिया गया।

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