डेस्क। G20 सम्मेलन के लिए केंद्र सरकार तैयारियां करने में जुटी हुई है और किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो इसके लिए हर संभव प्रयास भी किए जा रहे हैं। राजधानी दिल्ली और एनसीआर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है।
वहीं इस बीच विदेशी मेहमानों की खातिरदारी का भी खासा ध्यान रखा जाएगा और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर तमाम देशों के प्रतिनिधि जुट रहे हैं, जिन्हें चांदनी चौक के स्वादिष्ट व्यंजनों और इनोवेटिड मिलेट्स से बने व्यंजनों सहित स्वादिष्ट भारतीय स्ट्रीट फूड परोसा भी जाएगा। और इस संबंध में शेफ सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर खाने की लिस्ट तैयार करने में भी लगे हुए हैं।
G-20 बैठक दिल्ली के भारत मंडपम में 9 से 10 सितंबर को आयोजित होगी वही इस सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले वैश्विक नेताओं और प्रतिनिधियों के लिए मिलेट्स से बनाए गए व्यंजनों को परोसने की योजना भी बनाई गई है। दरअसल, बाजरा को बेहद पौष्टिक मोटा अनाज माना गया है और यह पर्यावरण के काफी अनुकूल भी है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, जी-20 में आने वाले विश्व के नेताओं की लाइफ पार्टनर्स की यात्रा यादगार रहने वाली है क्योंकि उन्हें देश की समृद्ध हस्तशिल्प विरासत से रूबरू करवाया जाएगा। वहीं इसके साथ-साथ नेशनल गैलरी ऑफ मॉर्डर्न आर्ट में खरीदारी का अनुभव भी करवाया जाएगा।
G-20 के मेहमानों को दिए जाएंगे ये गिफ्ट
जी20 इंडिया के विशेष सचिव मुक्तेश परदेशी का यह कहना है कि जिन होटलों में विदेशी नेता ठहरने वाले हैं उनमें बाजरे से नए व्यंजनों को बनाने की प्रतिस्पर्धा भी चल रही है। साथ ही साथ जी-20 बैठक में भाग लेगे वाले नेताओं को गिफ्ट को लेकर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। गिफ्ट में देश की हस्तशिल्प, कपड़ा और चित्रकला परंपराओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसका मकसद ये है कि जब विदेशी मेहमान गिफ्ट लेकर जाएंगे तो उसमें भारत की स्मृति को साथ भी ले जाएंगे और उनका कहना है कि सम्मेलन में 10 हजार से अधिक प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना जताई जा रही है।
G-20 की अध्यक्षता ब्राजील को सौंपेगा भारत
उनका यह कहना है कि हमने विश्व नेताओं, उनके साथ आने वाले प्रतिनिधिमंडलों और मीडिया प्रतिनिधियों को ठहराने के लिए मध्य दिल्ली, एयरोसिटी, गुरुग्राम और कुछ पड़ोसी क्षेत्रों में होटलों की पहचान वीवीआईपी होटलों के रूप में की है और शिखर सम्मेलन के अंतिम सत्र के दौरान कुछ मिनट जी20 की अध्यक्षता ब्राजील को प्रतीकात्मक रूप से सौंपने के लिए समर्पित होंगे। उन्होंने यह भींबताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 30 नवंबर से पहले ब्राजील के राष्ट्रपति से मुलाकात की संभावना नहीं है और इसलिए औपचारिक रूप से सौंपना आमतौर पर शिखर सम्मेलन में किया जाता है।