डेस्क। हमारे समाज में पारम्परिक तौर पर शादी के समय लड़का और लडकी की कुंडली भी मिलायी जाती है। वहीं अधिकतर गुणों के मिलने के बाद ही शादी भी की जाती है। वहीं लेकिन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुंडली की जगह हेल्थ कार्ड भी बना रही है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने टीवी 9 भारतवर्ष से बातचीत में यह बताया है कि हमारे देश में कुछ ऐसी बीमारी है जिससे यदि पुरुष और महिला संक्रमित है तो उसका असर उसके बच्चे पर भी होगा।
डॉ मनसुख मांडविया ने यह कहा कि ऐसी ही बीमारी सिकल सेल एनीमिया की है। इसे ध्यान में रखते हुए ट्राइबल लोगों के लिए खास तौर पर हेल्थ कार्ड जारी भी किया जा रहा है। जिसका मकसद सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारी पर काबू भी पाना है। वहीं इसके लिए साल 2047 का डेडलाइन तय भी किया गया है।
क्या है यह बीमारी?
सिकल सेल एनीमिया बीमारी खास तौर पर ट्राइबल बच्च्चों में होती है। इस बीमारी का असर ऐसा है कि बच्चा एक उम्र की सीमा पार करके उसके जीवन की संभावना काफी कम रह जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए नया टेस्ट और कार्ड शुरू भी किया जा रहा है। वहीं इससे लड़का और लड़की का हेल्थ कार्ड बनाया जा रहा है साथ ही कि इस तरह की बीमारी का पता लगाया भी जा सके।
डॉ मनसुख मांडविया ने यह कहा है कि अधिकतर ट्राइबल इलाके के लोगो में यह बीमारी होती है। वहीं ऐसे में ट्राइबल लोगों में पहले यह टेस्ट शुरू भी किया जाएगा। साथ ही यदि दोनो की रिपोर्ट पोसेटिव आयी तो उन्हें बच्चा नहीं करने की सलाह भी दी जाएगी।
वहीं पहले सिकल सेल एनीमिया का टेस्ट में समय लगता था लेकिन अब तत्काल प्रभाव से टेस्ट हो पाएगा और रिजल्ट भी जल्दी ही आ जाएगा। वहीं इससे यह पता चल पाएगा कि व्यक्ति सिकल सेल बीमारी से पीड़ित है या नहीं है। वहीं देश के 200 ऐसे जिले हैं जहां इस बीमारी से पीड़ित बच्चे अधिक ही है। जिसमें मध्यप्रदेश, गुजरात, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी शामिल हैं।