डेस्क। भारत के आईटी हब बोले जाने वाले बेंगलुरु शहर इन दिनों हर रोज़ बीस करोड़ लीटर पानी की कमी देखी जा रही है।
ये जल संकट इतना बड़ा है कि एक तरफ़ तो ये बेंगलुरु शहर की छवि पर बट्टा लगा रहा है तो दूसरी तरफ़ इसने लोकसभा चुनाव की ओर जाते राजनीतिक दलों की चिंता को काफी बढ़ा दिया है।
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लगभग डेढ़ करोड़ की आबादी वाले इस शहर के लिए कावेरी नदी से 145 करोड़ लीटर पानी 95 किलोमीटर का सफर तय करके कर्नाटक की राजधानी तक लाया जाता है।
समुद्र तल से क़रीब 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित ये शहर ज़रूरत का शेष 60 करोड़ लीटर पानी बोरवेल के निकलता है।
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इस जल संकट की वजह से बेंगलुरु शहर का गिरता हुआ भूजल स्तर चिंता का विषय बना हुआ है। जो दक्षिण-पश्चिम मॉनसून और उत्तर-पूर्वी मॉनसून कमजोर रहने की वजह से लगातार और भी गिर रहा है।
इस जल संकट की सबसे ज़्यादा मार उन 110 गाँवों में रहने वाले लोगों पर पड़ रही है जिनको हाल के दिनों में ही बेंगलुरु शहर में मिलाया गया है।
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इसके साथ ही दक्षिणी बेंगलुरु की आवासीय कॉलोनियों और बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोगों को एक नए तरह की जीवनशैली में ढलने के लिए काफी मजबूर भी है।