डेस्क। सिलीगुड़ी की एक स्कूल में पढ़ने वाली लड़की की हत्या के बाद उत्तर बंगाल के पहाड़ी जिलों दार्जिलिंग और कलिम्पोंग में कई वर्षों में पहला बड़ा बंद हुआ है क्योंकि इस सप्ताह नाबालिग लड़की की हत्या के विरोध में कई राजनीतिक दलों ने 24 घंटे का बंद बुलाया गया था। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने इस सनसनीखेज वारदात पर कई जिले में विरोध प्रदर्शन भी किया। बंद और प्रदर्शन के दौरान ज्यादातर वाहन सड़कों से नदारद रहे और दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, कर्सियांग, मिरिक और अन्य इलाके में दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान बंद रहे और बड़ी संख्या में लोग घर के अंदर ही रहे हैं।
दरअसल, सोमवार को स्कूल से लौट रही एक 17 वर्षीय लड़की को 22 वर्षीय व्यक्ति ने बलात्कार करने की कोशिश करते हुए पीट-पीट कर मार भी डाला। गोरखा समुदाय की लड़की का शव उत्तरी बंगाल के सिलीगुड़ी के माटीगाड़ा इलाके में एक खंडहर घर में मिला था और आरोपी मोहम्मद अब्बास को अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार को दबंगों ने आरोपी के घर में तोड़फोड़ की और उसके परिवार के सदस्यों के साथ मारपीट शुरु की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवानों को तैनात भी करना पड़ा।
नवगठित गोरखा सेवा सेना ने शनिवार को 12 घंटे के बंद का आह्वान किया था और इसका कर्सियांग, दार्जिलिंग एवं कलिम्पोंग के टैक्सी संघों ने समर्थन किया था। इसके बाद में, गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, हमरो पार्टी और सीपीआरएम (रिवोल्यूशनरी मार्क्सवादियों की कम्युनिस्ट पार्टी) ने आह्वान का समर्थन किया और इसे 24 घंटे के बंद में बदल दिया। सुबह छह बजे से शुरू हुए बंद के दायरे से आवश्यक सेवाओं को बाहर भी रखा गया था।