डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (24 अप्रैल, 2023) को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी अशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत को 11 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में निचली अदालत को रोजाना सुनवाई करने का निर्देश देना संभव नहीं है, क्योंकि इससे अन्य लंबित मामलों की सुनवाई भी प्रभावित हो सकती है।
इसी कड़ी में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी भी हैं। इस हिंसा में आठ लोगों की जान चली गई थी और जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने निचली अदालत से सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए पत्र पर गौर करते हुए कहा है कि निचली अदालत मामले पर गंभीरता से सुनवाई कर रही है।
इस हिंसा में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों की तरफ से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से निचली अदालत को मामले की हर दिन सुनवाई करने का निर्देश देना का अनुरोध भी किया था।
उन्होंने पीठ को ये भी बताया है कि अभियोजन पक्ष के 200 गवाहों में से अब तक सिर्फ तीन के बयान दर्ज किए गए हैं और पीठ ने कहा, “हर दिन सुनवाई करना काफी संभव नहीं है… वहां अन्य मामले भी लंबित हैं। इससे अन्य लंबित मुकदमे भी प्रभावित हो सकते हैं।”
भूषण ने कहा है कि आम तौर पर देखा गया है कि सुनवाई के दौरान मामले 20 साल तक खिंच सकते हैं और उन्होंने कहा कि निचली अदालत से एक हफ्ते में दो गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए भी कहा जा सकता है।
पीठ ने कहा है कि निचली अदालत में पांच मई को मामले पर सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले को सुनवाई के लिए 11 जुलाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए कहा भी है कि इस संबंध में दिए गए उसके अंतरिम निर्देशों का पालन किया जाए। साथ ही कोर्ट ने इस बात से इनकार किया कि मामले की सुनवाई धीमी गति से चल रही है और कोर्ट ने कहा कि भले ही मामले की सुनवाई उसकी निगरानी में हो रही है, लेकिन वह अप्रत्यक्ष रूप से मामले पर नजर भी बनाए हुए है।